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नई दिल्ली । लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा ‘मैच फिक्सिंग महाराष्ट्र’ शीर्षक से अंग्रेजी अखबार में लिखे गए लेख पर चुनाव आयोग ने आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। लेख में राहुल गांधी ने नवंबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग ने इसे तथ्यों से परे और बदनाम करने वाला बताया है।
चुनाव आयोग ने कहा, “मतदाताओं द्वारा किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद यह कहकर (मैच फिक्स था) चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना पूरी तरह से बेतुका है।”
राहुल ने अपने लेख में पांच बिंदुओं पर कथित चुनावी गड़बड़ियों को रेखांकित किया था। इनमें चुनावा आयुक्त पैनल की नियुक्ति में पक्षपात, फर्जी मतदाताओं का नाम जोड़ना, मतदान प्रतिशत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना, टार्गेटेड बूथों पर बोगस वोटिंग और सीसीटीवी रिकॉर्ड न देने जैसे मुद्दे शामिल थे।
इसके जवाब में आयोग ने बताया कि 6.4 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने सुबह 7 से शाम 6 बजे तक मतदान किया। औसतन हर घंटे 58 लाख वोट डाले गए। अंतिम दो घंटे में 65 लाख वोट पड़ना सामान्य औसत से कम है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि हर बूथ पर राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त एजेंट मौजूद थे। किसी ने भी अगले दिन रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष कोई संदेह नहीं जताया।
आयोग के अनुसार, मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और निर्वाचक नियम 1960 के तहत की जाती है। अंतिम मतदाता सूची सभी दलों को दी गई थी। इसके खिलाफ केवल 89 शिकायतें आईं, जिनमें से एक भी कांग्रेस द्वारा नहीं की गई थीं। आयोग ने बताया कि 1 लाख से अधिक बूथों पर 97 हजार बूथ लेवल ऑफिसर्स और सभी दलों द्वारा नियुक्त 1.03 लाख बूथ एजेंट तैनात थे। कांग्रेस ने भी 27 हजार से अधिक एजेंट नियुक्त किए थे।
आयोग ने कहा कि चुनाव कानून के तहत पारदर्शिता से होते हैं और किसी भी तरह की गलत जानकारी न केवल कानून का अपमान है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया से जुड़े लाखों लोगों के मनोबल को भी गिराता है। आयोग ने कहा कि 24 दिसंबर 2024 को यह सभी तथ्य कांग्रेस को भेज दिए गए थे। इसके बावजूद बार-बार ऐसे आरोप लगाना पूरी तरह अनुचित है।
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