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पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में एक दलित नाबालिग के साथ कथित रेप और हत्या के बाद शुरू हुई हिंसा मंगलवार को फिर से भड़क गई। दरअसल लड़की की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आदिवासी और राजबंशी समुदाय कलियागंज थाने में प्रदर्शन कर रहा था।IPS सना अख्तर ने कहा कि रिपोर्ट में बलात्कार का जिक्र नहीं है, इसके बाद प्रदर्शनकारी भड़क गए। पुलिस ने इन लोगों को तितर-बितर करने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।मौके का फायदा उठाकर कुछ अज्ञात बदमाश थाने में घुसे और आग लगा दी। बाद में इन लोगों ने थाने पर पथराव भी किया।गौरतलब है कि शुक्रवार 21 अप्रैल को कालियागंज में 17 साल की दलित नाबालिग का शव नहर में तैरता हुआ मिला था। परिजनों का आरोप है कि रेप के बाद उनकी लड़की की हत्या कर की गई।कालियागंज के साहेबघाटा इलाके में नाबालिग लड़की का शव घसीटने के आरोप में ASI रैंक के 4 पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। रायगंज की SP सना अख्तर ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभागीय जांच की गई और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई।वहीं पुलिस का कहना है कि उन्होंने इस घटना के सिलसिले में एक 20 साल के एक लड़के को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि लड़की और आरोपी एक दूसरे को जानते थे।नाबालिग का शव लेने आए पुलिसकर्मियों पर ग्रामीणों ने पत्थरबाजी की थी। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए रैपिड एक्शन फॉर्स (RAF) के जवानों को बुलानी पड़ी थी। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया था। इतना ही नहीं लड़की का शव घसीटे जाने का वीडियो भी सामने आया था।
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