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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के साथ फिर से बातचीत शुरू करने की वकालत करते हुए कहा कि पाकिस्तान की नई सरकार हमारे साथ शांतिपूर्ण माहौल बनाने के लिए तैयार है और भारत को उनके लिए वार्ता के दरवाजे खोलने चाहिए। उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन को ‘पुनर्जीवित’ करने की भी वकालत की।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एक साक्षात्कार में कहा कि हमें अभी भी अपने पड़ोसी के साथ समस्या है, जो सैन्य कार्रवाई से हल नहीं होगी। जब तक हम अपने पड़ोसियों से बात नहीं करेंगे, तब तक हम इसे हल नहीं कर सकते। आतंकवादी सीमाओं के रास्ते आ रहे हैं और वे आते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमें इन हालातों से बाहर निकलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अमरनाथ यात्रा होने वाली है। उसमें कोई भी छोटी घटना होने पर देश के बाकी हिस्सों में इसका बखान किया जाएगा, लेकिन हम कश्मीरी इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान की सरकार हमारे साथ शांतिपूर्ण माहौल चाहती है। इसलिए उनके लिए वार्ता के दरवाजे खोले जाने चाहिए। साथ ही हमें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को भी ‘पुनर्जीवित’ करना चाहिए, क्योंकि सार्क इस पूरे क्षेत्र की भलाई के लिए बनाया गया था। अब्दुल्ला ने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष और इजरायल और हमास के बीच युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि सैन्य कार्रवाई समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों पर एक सवाल के जवाब में अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकी घटनाओं के बहाने चुनाव नहीं रोके जा सकते, क्योंकि संसद के लिए चुनाव के वक्त भी इस तरह की घटनाएं हुईं थीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी को उनके तीसरे कार्यकाल की शुरुआत पर बधाई दी है।
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