Video

Advertisement


आज का भारत दुनिया में एक प्रमुख समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है: प्रधानमंत्री
new delhi,  maritime power, Prime Minister

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को मुंबई के नैसेना डाकयार्ड में दो युद्धपोतों और एक पनडुब्बी के जलावतरण के बाद कहा कि आज का भारत दुनिया में एक प्रमुख समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत विस्तारवाद नहीं बल्कि विकासवाद की भावना से काम करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का कार्यक्रम हमारी शानदार विरासत को हमारी भविष्य की आकांक्षाओं से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत का लंबी समुद्री यात्राओं, वाणिज्य, नौसेना रक्षा और जहाज उद्योग से जुड़ा एक समृद्ध इतिहास रहा है। इस समृद्ध इतिहास से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने कहा कि आज का भारत दुनिया में एक प्रमुख समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आज लॉन्च किए गए प्लेटफॉर्म उसी की एक झलक दिखाते हैं।
प्रधानमंत्री ने चोल वंश के समुद्री कौशल को समर्पित आईएनएस नीलगिरि और सूरत युद्धपोत सहित नए प्लेटफार्मों के लॉन्च का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उस युग की याद दिलाता है, जब गुजरात के बंदरगाह भारत को पश्चिम एशिया से जोड़ते थे। उन्होंने कुछ साल पहले पहली पनडुब्बी कलवरी के कमीशन के बाद पी75 वर्ग की छठी वाग्शीर पनडुब्बी के कमीशन का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये नए फ्रंटियर प्लेटफॉर्म भारत की सुरक्षा और प्रगति दोनों को बढ़ाएंगे।
उन्होंने कहा कि आज भारत पूरे विश्व और खासकर ग्लोबल साउथ में एक भरोसेमंद और जिम्मेदार साथी के रूप में पहचाना जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा खुला, सुरक्षित, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन किया है। 21वीं सदी में भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने और आधुनिक बनाने के महत्व पर जोर देते हुए मोदी ने कहा, "चाहे वह जमीन हो, पानी हो, हवा हो, गहरा समुद्र हो या अनंत अंतरिक्ष हो, भारत हर जगह अपने हितों की रक्षा कर रहा है।" उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की स्थापना सहित किए जा रहे निरंतर सुधारों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत सशस्त्र बलों को और अधिक कुशल बनाने के लिए थिएटर कमांड के कार्यान्वयन की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
वैश्विक सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और भू-राजनीतिक गतिशीलता को आकार देने में भारत जैसे समुद्री राष्ट्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय जल की सुरक्षा, नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और आर्थिक प्रगति और ऊर्जा सुरक्षा के लिए व्यापार आपूर्ति लाइनों और समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस क्षेत्र को आतंकवाद, हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी से बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। मोदी ने समुद्र को सुरक्षित और समृद्ध बनाने, रसद दक्षता बढ़ाने और शिपिंग उद्योग का समर्थन करने में वैश्विक भागीदार बनने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने दुर्लभ खनिजों और मछली स्टॉक जैसे समुद्री संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने और उन्हें प्रबंधित करने की क्षमता विकसित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। नए शिपिंग मार्गों और संचार के समुद्री मार्गों में निवेश के महत्व को ध्यान में रखते हुए और इस बात पर संतोष व्यक्त करते हुए कि भारत इस दिशा में लगातार कदम उठा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत हिंद महासागर क्षेत्र में पहले प्रतिक्रियादाता के रूप में उभरा है।” प्रधानमंत्री ने आसियान, ऑस्ट्रेलिया, खाड़ी देशों और अफ्रीकी देशों के साथ भारत के आर्थिक सहयोग को मजबूत करने पर प्रकाश डाला और कहा कि इसका श्रेय हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की मौजूदगी और क्षमताओं को जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में नौसेना में 33 जहाजों और सात पनडुब्बियां शामिल की गई हैं, जिसमें 40 में से 39 नौसैनिक जहाजों का निर्माण भारतीय शिपयार्ड में किया गया। इसमें शानदार आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत और आईएनएस अरिहंत तथा आईएनएस अरिघाट जैसी परमाणु पनडुब्बियां शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सशस्त्र बलों को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का रक्षा उत्पादन 1.25 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है और देश 100 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत पवार तथा अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

 

 

Kolar News 15 January 2025

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.