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अपनी पार्टी तो बचा नहीं पाए राहुल, चिंता देश की कर रहे हैं
भोपाल। कांग्रेस का किला पहले तिनका तिनका कर बिखर रहा था, लेकिन जब से राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं, तो कांग्रेस के किले के मजबूत स्तंभ एक एक कर ढह रहे हैं। कांग्रेस के पुराने लोगों ने मान लिया है कि कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी ने मंगलवार को कही। डॉ. केसवानी ने कहा कि राहुल गांधी की तथाकथित भारत जोड़ो यात्रा अब कांग्रेस तोड़ो यात्रा में बदल चुकी है। राहुल की अपरिपक्वता के कारण पार्टी पूरी तरह से टूट चुकी है, लेकिन राहुल हैं कि मानने को तैयार ही नहीं हैं। डॉ. केसवानी ने आरोप लगाया की टूट रही पार्टी को बचाने की हिम्मत भी किसी में नहीं दिख रही है। सब लोग केवल अपने स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हैं। डॉ. केसवानी ने कहा कि बिखर रही पार्टी को एक अदद अध्यक्ष तक नहीं मिल पा रहा है। अशोक गहलोत सीएम पद छोड़ना नहीं चाहते हैं और कमलनाथ भी मप्र नहीं छोड़ रहे हैं। वे भी अपनी राजनीतिक लालसाओं को सिद्ध करने में लगे हैं।
नटवर, अजीज और पीके ने भी दिखाया है आईना :
डॉ. केसवानी ने कहा कि राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा की जगह कांग्रेस बचाओ यात्रा पर निकलना चाहिए। कांग्रेस अंदर से पूरी तरह खोखली हो चुकी है। पहले तो राहुल को समझना होगा कि पार्टी की अंदरूनी स्थिति क्या है? हालांकि जिस तरह से कांग्रेस बिखरी है। उसका फिर से खड़ा हो पाना दूर की कौड़ी सा दिख रहा है। भाजपा प्रवक्ता ने राहुल के नेतृत्व को कमजोर बताते हुए कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ लोग ही उन्हें नकार चुके हैं। ऐसे में देश उन्हें कैसे स्वीकार करेगा। कांग्रेस नेता नटवर सिंह कह चुके हैं कि कांग्रेस को सोनिया गांधी और राहुल गांधी की जरूरत नहीं है। जबकि इन दोनों को कांग्रेस की जरूरत है। नटवर ने आरोप लगाया कि जब तक इन दोनों या गांधी परिवार में किसी के भी हाथ कांग्रेस की बागडोर रहेगी तो वे किसी भी योग्य व्यक्ति को आगे नहीं आने देंगे। अजीज कुरैशी ने भी राहुल गांधी को अपरिपक्व बताते हुए कहा था कि जब तक उनके हाथ कांग्रेस की बागडोर है, कांग्रेस का भला नहीं हो सकेगा। वहीं पीके ने भी राहुल को आइना दिखाते हुए कहा था कि उनके कार्यकाल में पार्टी 90 फीसदी चुनाव हारी है।
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