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महाराष्ट्र में सियासी संग्राम के बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में उद्धव गुट को थोड़ी रहत मिली है । विधायकों की अयोग्यता को लेकर याचिका दायर करवाई गयी थी जिसपर सुनवाई करते हुए ,सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि विधानसभा स्पीकर इस पर फिलहाल फैसला न लें। जब तक अदालत का फैसला नहीं आ जाता तब तक कार्यवाही रुकी रहेगी। मामले की तुरंत सुनवाई कोर्ट नहीं कर सकता , इस विषय के लिए बेंच गठित की जाएगी। राज्यपाल की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल कोर्ट ने यह सूचना नवनियुक्त विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंचने को कहा है । सुनवाई से पहले डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने एफिडेविट पेश किया था। जिसमें उन्होंने कहा था की 16 बागी विधायकों को 48 घंटे का वक्त दिया गया था, लेकिन उन्होंने 24 घंटे में ही सुप्रीम कोर्ट की ओर चल पड़े थे। 26 जून को सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों की सदस्यता रद्द वाले नोटिस पर सुनवाई की थी, जिसमें कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर, शिवसेना, केंद्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस को जवाब दाखिल करने के लिए तालाब किया था । वहीं महाराष्ट्र के विधानसभा सचिव राजेंद्र भागवत ने शिव सेना के सभी 53 विधायकाें काे कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया है। यह नोटिस शिवसेना के दोनों पक्षों द्वारा दर्ज की गयी शिकायतों के आधार पर जारी किया गया है। सभी विधायकों को एक हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा गया है। शिवसेना के 39 विधायक एकनाथ शिंदे के समर्थन में हैं, जबकि 14 विधायक उद्धव ठाकरे के साथ बने हुए हैं।आपको बता दें की एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से महाराष्ट्र के सीएम बने हैं।
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