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केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 22 अगस्त को भोपाल आगमन किया। और वे स्व. कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी समारोह समिति आयोजन के कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत की आत्मा और भारतीयता की उद्घोषणा है। यह नीति शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ विचारों को जमीन पर लाने का कार्य कर रही है। स्वभाषा और मातृभाषा के सम्मान और मन की शक्ति को बढ़ाते हुए भारतीय कलाओं और संस्कृति को प्राथमिकता देने वाली व्यावहारिक नीति है। एक समय आएगा, जब दुनिया के देशों के लोग भारतीय शिक्षण संस्थानों में अध्ययन के लिए बड़ी संख्या में आएंगे। भारतीय शिक्षण संस्थाएँ विश्व के श्रेष्ठ शिक्षण संस्थाओं में शामिल होंगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति नागरिक आकांक्षाओं का प्रतिबिम्ब है। और राष्ट्रीय शिक्षा नीति भविष्य के भारत की नींव भी है। इस नीति का शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को गंभीरता से अध्ययन करना चाहिए। इससे नीति के क्रियान्वयन को भी बल मिलेगा। सामर्थ्य, पहुँच, गुणवत्ता, निष्पक्षता और जवाबदेही इस नीति के प्रमुख पाँच स्तंभ हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नेतृत्व करते हुए नवीन शिक्षा नीति को इतना समर्थ बनाया है कि यह नीति विद्यार्थियों और गुरूजन के मन की शक्ति को बढ़ाने के लिए विश्लेषण, तर्क, स्मृति, निर्णय क्षमता, क्रियान्वयन और मीमांसा करने के सामर्थ्य पर जोर देती है। हमें अपनी संस्कृति से जुड़ने और परोपकार जैसे गुणों से ओत-प्रोत बनाने के लिए सार्थक शिक्षा मिलना चाहिए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ऐसा ही बीज है, जो वट वृक्ष बनकर विश्व को छाया देने में समर्थ होगा। उन्होंने नयी शिक्षा निति की गुड़वत्ताओं को बताते हुए कहा की यह नीति मूल शिक्षा के आधार पर तैयार की गई है।
Kolar News
23 August 2022
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