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सोमवार को शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल की बेटी का शादी समारोह होने के कारण अकाली दल व एसजीपीसी के ज्यादातर नेता वहां व्यस्त थे। वहीं अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह इस समय विदेश में हैं। अकाली दल के साथ-साथ एसजीपीसी में भी कई माह से अंदरूनी खींचतान चल रही है। इसके बावजूद 29 नवंबर 2024 को हरजिंदर सिंह धामी को चौथी बार एसजीपीसी का प्रधान चुन लिया गया था।
हरजिंदर सिंह धामी ने इसके पीछे का कारण श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की पोस्ट को बताया, जिसे उन्होंने श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाएं समाप्त करने के बाद लिखा। उन्होंने एसजीपीसी के फैसले के बाद 13 फरवरी को पोस्ट शेयर की थी।
इस्तीफा देने से पहले हरजिंदर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत में अकाल तख्त जत्थेदार की पोस्ट का हवाला देते हुए कहा कि तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का कारण उन्हें बताया जा रहा है। धामी ने कहा कि जिस दिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने का फैसला लिया गया, उस दिन 14 सदस्य साथ थे और डेढ़ घंटा बातचीत हुई। डेढ़ घंटा
में सभी को बोलने का समय दिया गया था ताकि किसी के विचार रह ना जाएं, लेकिन प्रधान मुख्य होता है। इसलिए नैतिक तौर पर मैं इस पद से इस्तीफा देता हूं। गुरु साहिब कृपा करें।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी सिखों की प्रबंधकीय संस्था है और श्री अकाल तख्त साहिब सिखों का सर्वोच्च तख्त है। शिरोमणि अकाली दल भी इस तख्त का संगठन है। समय गंभीर चल रहा है। सरकारों ने सीधे तौर पर प्रयास किए कि इन संस्थाओं को कैसे कमजोर किया जाए।
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