Advertisement
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश के स्कूलों में जाट समाज के इतिहास को भी पढ़ाया जाएगा। उन्होंने यहां वीर तेजाजी बोर्ड गठन करने और तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस तेजादशमी पर ऐच्छिक अवकाश का भी ऐलान किया।
मुख्यमंत्री चौहान रविवार को राजदानी भोपाल मैदान पर आयोजित जाट महाकुम्भ को संबोधित कर रह थे। इस जाट महाकुंभ में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में जाट समुदाय के लोग जुटे थे। सम्मेलन में शामिल होने मुख्यमंत्री चौहान दोपहर 12.30 बजे मंच पर पहुंच गए। इससे पहले उन्होंने कन्या पूजन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस मौके पर इंडियान नेशनल लोकदल के अध्यक्ष अभय चौटाला, पूर्व केन्द्रीय मंत्री विक्रम वर्मा भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में जाट समुदाय के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा, जिसमें तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन, तेजाजी की जयंती पर सामूहिक अवकाश। चुनाव में भाजपा जाट समाज के 10 लोगों को टिकट देने,ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने और समाज के लिए 27 फीसदी आरक्षण और जाटों का इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल करने की आदि की मांगें शामिल हैं।
इस मौके मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जाट समाज की उत्पत्ति भगवान शिव की जटाओं से हुई है। एक नहीं अनेक समाज सुधारक और वीर योद्धा जाट समाज ने इस देश को दिए हैं। जाट समाज सच्चा देशभक्त और निर्भीक है। चाहे आततायी मुगल हों, बाकी आक्रमणकारी हों, जाट वीर योद्धाओं ने इनके दिमाग ठिकाने लगाए। पैर नहीं जमने दिए। खदेड़-खदेड़ कर मारा। औरंगजेब के खिलाफ बिगुल बजाया। उन्होंने कहा कि वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन और एक दिन का ऐच्छिक अवकाश घोषित करेंगे।
चुनाव में जाट समुदाय के दस लोगों को टिकट देने की मांग पर उन्होंने कहा कि टिकट देने में मैं असमर्थ हूं। यह पार्टी का निर्णय रहता है। यह मेरे बस में नहीं, झूठ नहीं बोलूंगा। हम पार्टी में बात पहुंचाएंगे। अभी हमारे दो विधायक कमल पटेल और नीना वर्मा बहुतों पर भारी हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में जाटों का इतिहास पढ़ाया जाएगा। जाट समाज के शैक्षणिक भवन के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में जमीन देने के लिए कमल पटेल को अधिकृत किया है।
कमलनाथ बोले - मैं घोषणा मशीन नहीं
इस जाट महाकुम्भ में शिवराज के बाद पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी शामिल हुए । जाट समुदाय की प्रतिनिधियों ने कमलनाथ को भी मांग पत्र पढ़कर सुनाया। इस मौके पर कमलनाथ ने कहा कि यह वीरों का महाकुंभ है। हमारी संस्कृति हमें एक झंडे के नीचे रखती है। हमें संस्कृति, संविधान और सामाजिक मूल्यों की रक्षा करनी है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ घोषणा मशीन नहीं हैं, मैं क्रियान्वयन में विश्वास रखता हूं। मैं कोई घोषणा नहीं करुंगा बल्कि अगले कार्यक्रम में मैं हिसाब दूंगा। आज का नौजवान रोजगार चाहता है। यह प्रदेश की सबसे बड़ी चुनौती। इसका हम सामना करेंगे
Kolar News
14 May 2023
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.
Created By: Medha Innovation & Development
|