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किसानों के कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी सरकारः सीएम शिवराज
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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने 22 माह में एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में डालने का चमत्कार किया है। यह किसानों की सरकार है, किसानों के कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। सिंचाई की योजनाओं का जाल बिछाकर प्रदेश के हर सूखे खेत में फसल लहलहाने के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्यरत है।

 

मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को बैतूल में राज्य स्तरीय फसल क्षति दावा राशि वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने किसानों के खाते में खरीफ 2020 और रबी 2020-21 की 49 लाख दावों में 7618 करोड़ रुपए की राशि का सिंगल क्लिक से अंतरित की। मुख्यमंत्री ने कन्या-पूजन तथा दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। केंद्रीय कृषि तथा किसान-कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नई दिल्ली से वर्चुअली सहभागिता की। कार्यक्रम में प्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, सांसद दुर्गादास उइके अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बैतूल के 381 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन भी किया। उन्होंने कृषि, उद्यानिकी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ऊर्जा, आयुष, महिला-बाल विकास तथा स्व सहायता समूहों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। प्रदेश के समस्त जिलों ने कार्यक्रम में वर्चुअल सहभागिता की। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण डीडी एमपी, क्षेत्रीय चैनल, आकाशवाणी के साथ-साथ फेसबुक, ट्वीटर और यू-ट्यूब पर किया गया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में देश में सबसे बड़ी 7618 करोड़ रुपये की सहायता राशि का वितरण आज सिंगल क्लिक से किया गया है। इससे पूर्व भी फसलें खराब होने पर 2876 करोड़ रुपए किसानों के खाते में डाले गए थे। किसानों को राज्य सरकार द्वारा अब तक 10 हजार 494 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी की गई है।

 

उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने बीमा कंपनियों को प्रीमियम की राशि नहीं दी थी। परिणामस्वरूप किसानों को बीमा की राशि नहीं मिल पाई। पूर्व की सरकारों ने फसल खराब होने पर सर्वे तक नहीं कराया, जबकि वर्तमान में राज्य सरकार ने केवल बैतूल जिले में ही एक लाख 28 हजार 474 किसानों को 306 करोड़ 78 लाख रुपये से अधिक राशि प्रधानमंत्री बीमा योजना में उपलब्ध कराई है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने के लिए बैंकों को 29 हजार 834 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं। बिजली कनेक्शन पर प्रति मोटर 51 हजार रुपये का अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है। राज्य सरकार ने 47 हजार किसानों की ओर से बिजली कंपनियों को 30 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं।

 

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसान सम्मान निधि उपलब्ध कराने के लिए आभार मानते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ने केवल मध्य प्रदेश को इस योजना में 10 हजार 333 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से ही राज्य सरकार द्वारा भी किसानों को 4 हजार रुपये किसान सम्मान निधि के रूप में उपलब्ध कराए गए। निश्चित रूप से छोटे किसानों के लिए 10 हजार रुपये संजीवनी के समान है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 4 हजार 779 करोड़ रुपये किसानों के खाते में डाले जा चुके हैं। पिछले साल खरीफ की फसल में जो नुकसान हुआ था इसके लिए 2 हजार 876 करोड़ रुपये किसानों के खाते में डाले गए। सहकारी बैंकों की स्थिति सुधारने के लिए 800 करोड़ की राशि बैंकों को उपलब्ध कराई गई। खरीफ के लिए दो लाख 88 हजार से अधिक किसानों को उद्यानिकी फसलों के लिए 193 करोड़ रुपये फसल बीमा के रूप में दिए गए। सोलर पंप अनुदान योजना में 72 करोड़ रुपये किसानों की ओर से जमा किए गए। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत 1583 करोड़ रुपये का लोन बैंकों द्वारा दिया गया। गेहूँ, धान, ज्वार, चना, सरसों, मसूर, मूंग, उड़द और अन्य फसलों की खरीद पर किसानों के खाते में 75 हजार करोड़ रुपये डाले गए। यह 22 माह का हिसाब है।

 

उन्होंने कहा कि इस प्रकार पिछले 22 महीनों में एक लाख 64 हजार 737 करोड़ रुपए किसानों के खातों में डाले गए हैं। इसमें आज जारी हुई राशि को जोड़ दिया जाए तो किसानों के खातों में एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये जारी किए गए। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने किसानों का केवल 6000 करोड़ का ऋण माफ किया था। इसमें से भी आधे की जिम्मेदारी बैंकों और सोसाइटी पर डाल दी गई थी, परिणाम स्वरूप किसानों का ऋण माफ ही नहीं हुआ था।

 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आगामी वर्षों में सिंचाई की व्यवस्था पर 66 हजार करोड़ रुपए खर्च करेंगी। एक-एक बूंद पानी का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नहरों की बजाए पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति खेतों में की जाएगी, जिससे किसान स्प्रिंकलर और ड्रीप का उपयोग कर अपनी फसल लहलहा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 तक नर्मदा जी के जल का शत-प्रतिशत उपयोग हमें सुनिश्चित करना है। इसके लिए प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए सिंचाई परियोजनाएँ बनाई जा रही हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि दो-दो कोरोना की लहर के बाद भी जनता के कल्याण और प्रदेश के विकास के कार्य को हमने प्रभावित नहीं होने दिया है। उन्होंने प्रदेशवासियों को कोरोना के दोनों टीके लगवाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि जो व्यक्ति 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं, वे बूस्टर डोज अवश्य लगवाएँ। उन्होंने प्रदेशवासियों को आवश्यक रूप से मास्क लगाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यापक रूप से टीकाकरण होने ही तीसरी लहर प्रभावी नहीं रही।

 

उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में नवाचार अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रदेश में प्राकृतिक खेती, ड्रोन के उपयोग को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित करते हुए कहा कि युवा वर्ग कस्टम हायरिंग सेंटर, कोल्ड स्टोरेज, गोडाउन आदि बनाने की ओर अग्रसर हों, राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहायता की जाएगी। कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भारत सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने की भी पहल युवाओं को करनी चाहिए। राज्य सरकार इस दिशा में भी पूरा सहयोग करेगी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में किसानों को आगे आना चाहिए। जिन किसान भाइयों की पथरीली जमीन है, वे यदि अपने खेत पर 2 मेगा वाट के सोलर संयंत्र लगाते हैं, तो राज्य सरकार उनसे लगभग 3.15 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगी और किसानों को बिजली की आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी।

 

उन्होंने किसान भाइयों से गाँव का गौरव दिवस मनाने की अपील करते हुए कहा कि केवल शहरों का ही मास्टर प्लान क्यों बने, गाँव वाले एक दिन तय करके अपने गांव का गौरव दिवस मनाएँ और गाँव की विकास योजना निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से 2500 करोड़ रुपये महिलाओं को उपलब्ध कराए जाएंगे। यह हमारा संकल्प है कि हर बहन की आय प्रतिमाह कम से कम 10 हजार रुपए होना चाहिए। महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए स्व-सहायता समूह को कई प्रकार के दायित्व सौंपे गए हैं। पोषण आहार उत्पादन के लिए भी स्व सहायता समूहों को जिम्मेदार बनाया जा रहा है। कृषि उत्पादों की खरीद से भी महिला स्व सहायता समूहों को जोड़ा जाएगा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन से हर घर में नल से जल की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में आवासों का सर्वे कराया गया है। जिनके पास आवास नहीं है, उन्हें प्रधानमंत्री आवास प्लस में आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। हर गरीब को अपना घर बनाने के लिए राशि उपलब्ध कराई जाएगी, कोई भी व्यक्ति कच्चे मकान में नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि आपकी जिंदगी बदलने के लिए ही मैं मुख्यमंत्री बना हूँ।

 

उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में "राशन आपके ग्राम" योजना संचालित की जा रही है। ग्रामीणों को दूसरे गाँव राशन लेने नहीं जाना पड़ेगा। राज्य सरकार रोटी, कपड़ा और मकान, दवाई, पढ़ाई और रोजगार के इंतजाम के लिए अनेकों अभिनव योजनाएँ चला रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिमाह 2 लाख लोगों को रोजगार/स्व-रोजगार से लगाने के लिए अलग-अलग योजनाओं में गतिविधियाँ शुरू की जा रही हैं। आगामी 25 फरवरी को पुन: रोजगार दिवस में ऋण वितरण कार्यक्रम होगा। पिछली 12 जनवरी को 5 लाख 26 हजार लोगों को रोजगार दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्र-संस्करण गतिविधियों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।

 

चौहान ने कहा कि राज्य सरकार सीएम राइज स्कूल आरंभ कर रही है। यह स्कूल निजी स्कूलों से बेहतर होंगे। एक स्कूल के निर्माण पर 16 से 28 करोड़ रुपये तक का व्यय होगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अब मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में भी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गाँवों और संपूर्ण प्रदेश की जिंदगी बदलने के लिए सभी प्रदेशवासियों का सहयोग चाहिए। हम सभी मिलकर प्रदेश को और प्रदेशवासियों की जिंदगी को बदलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबके सहयोग से हम मध्यप्रदेश को भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे। उन्होंने कहा कि हम अपने गाँवों को साफ-स्वच्छ रखेंगे। बेटी के जन्म पर गाँव में आनंद का वातावरण हो। बेटा-बेटी के प्रति बराबरी का भाव हो। राज्य सरकार लाड़ली लक्ष्मी योजना-2 भी क्रियान्वित कर रही है।

Kolar News 12 February 2022

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