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देहरादून। उत्तराखंड में बारिश का सीजन आम जनजीवन पर भारी पड़ रहा है। पर्वतीय जनपदों में बारिश और भूस्खलन से लोगों को व्यापक क्षति उठानी पड़ रही है। इससे राज्य में सड़कें अवरुद्ध तो हैं ही। साथ ही लोगों का आवागमन भी प्रभावित हो रहा है, जिन्हें खोलने का कार्य जारी है। मौसम विभाग ने प्रदेश में आगामी 28 अगस्त तक के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
प्रदेश भर में गुरुवार सुबह से हल्की से मध्यम बारिश का क्रम रुक-रुक जारी है। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादल छाए हुए हैं। आज दोपहर देहरादून में मौसम खुला और सूर्यदेव ने भी दर्शन दिए। सुबह से सूर्यदेव बादलों में छिपे हुए हैं। देहरादून सहित प्रदेश भर में आज गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश और तीव्र बौछारों के एक से दो दौर हो सकते हैं।
मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान में प्रदेश भर में 28 अगस्त तक के लिए कहीं-कहीं गरज चमक के साथ भारी वर्षा को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान संवेदनशील इलाकों में कहीं-कहीं हल्के भूस्खलन और चट्टान गिरने के कारण मार्ग बाधित होगा और निचले इलाकों में जल भराव की स्थिति बनी रह सकती है।
राज्य आपदा परिचालन केन्द्र के अनुसार राष्ट्रीय और पिथौरागढ़ जिले में 05 बार्डर मार्ग, 20 राज्य मार्ग सहित लगभग 216 सड़कें अवरुद्ध हैं। टिहरी जिले के ऋषिकेश- चम्बा-धरासू राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-94) बगड़धार के समीप भूस्खलन से भारी मलबा और बोल्डर आने से और पिथौरागढ़ जिले में राष्ट्रीय राज मार्ग-1447 (बीआरओ) रामगंगापुल-क्वीटी-बिर्थी मोटर मार्ग रामगंगापुल पर बनिक के पास वॉशआउट होने के कारण यातायात अवरुद्ध है। बागेश्वर जिले रामगंगापुल राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-109 ) किमी. 88.900 में क्षतिग्रस्त होने के कारण यातायात अवरुद्ध है। पौड़ी जिले के कोटद्वार-दुगड्डा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-119) स्थान दुगड्डा-आमसौड, आमसौड-सिद्धबली के समीप भू-स्खलन और भारी मात्रा में मलबा पत्थर आने के कारण यातायात अवरुद्ध है।
पीडब्ल्यूडी को 385 करोड़ का नुकसान -
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता दीपक कुमार यादव ने बताया कि राज्य में आपदा से अब तक लोक निर्माण विभाग को सड़क और पुल टूटने से लगभग 385 करोड़ का नुकसान हुआ है। लगभग 3000 सड़कें बंद हुई हैं, जिनमें से 2700 सौ से अधिक सड़कों को खोल दिया गया है। इनमें से 200 से ज्यादा सड़कें बंद होने के साथ कई पुलों का भी काफी नुकसान पहुंचा है। वर्षा काल में विभाग की ओर से 5 पुलों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है। गौरतलब है कि राज्य में अतिवृष्टि से लगभग 01 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान का आकलन है।
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