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भोपाल। मध्य प्रदेश के गुना में शनिवार को शिकारियों और पुलिसकर्मियों की मुठभेड़ में 3 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर सख्त दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने रविवार सुबह प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना समेत अन्य सभी शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दो टूक कहा है कि कानून व्यवस्था उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और अपराधियों को हर हाल में नेस्तनाबूद करना है। इसके साथ ही उन्होंने करप्शन के मामले में जीरो टॉलरेंस और हमेशा क्विक एक्शन के निर्देश भी दिये हैं।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों को दो टूक निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस का काम सभी नागरिकों के लिए शांति से जीने की व्यवस्था करना है। सीएम ने साफ किया कि 'सभी कलेक्टर, आईजी, एसपी सुन लें, अपराधियों को नहीं छोडऩे का संकल्प है मेरा। शिकारी हों, अवैध शराब बेचने वाले या जुआ सट्टा चलाने वाले हों, इन सबको क्रश कर देना है। अधिकारियों की सेवा और मेरा मुख्यमंत्री होना तभी सार्थक है, जब आम जनता को सभी जरुरी सुविधाएं प्रदान होती रहें। जनकल्याण से बढक़र कोई लक्ष्य न हो।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि 'मैंने पहले भी बहुत क्लीयर किया है और मैं फिर दोहरा रहा हूं कि कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर बनाए रखना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता कानून व्यवस्था है। अपराधियों को नेस्तनाबूद करना है। करप्शन के मामले में जीरो टॉलरेंस और हमेशा क्विक एक्शन हो। अपराध न हो, ऐसी परिस्थिति पैदा करना है। सीएम ने कहा कि गुना की घटना से मैं बहुत बेचैन हूं। मेरा संकल्प है किसी भी अपराधी को नहीं छोड़ा जाएगा, अपराध नियंत्रण को लेकर जल्द ही फिर से समीक्षा की जाएगी।
फिल्ड में काम करने वाले अफसर तैनात हो
उन्होंने निर्देश दिया कि 'फील्ड में काम करने वाले अफसर तैनात किए जाएं। जिनमें दम हो,वो फील्ड में रहें। ग्वालियर आईजी को हटाने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि 'करप्शन पर जीरो टॉलरेंस है। एक्शन में देर नहीं होनी चाहिए। मैंने कल आईजी को हटाया, मैं देख रहा हूं कि आईजी घटनास्थल पर ही नहीं पहुंचे। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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