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भोपाल। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे के बाद प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बजरंग दल का बचाव करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस की मति मारी गई है, जो बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है, इससे कांग्रेस का चेहरा पूरी तरह बेनकाब हुआ है।
कांग्रेस के कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर जारी किए गए घोषणापत्र पर बुधवार को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकी मति पहले हर लेही। कांग्रेस की मति मारी गई है, जो बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है। बजरंग दल जो प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है, बजरंग दल जो आतंकवाद का विरोध करता है, लव जेहाद का विरोध करता है, सामाजिक सेवा सहित देश भक्ति के भाव अपने धर्म और संस्कृति के प्रति स्वाभिमान का और जागरण का भाव पैदा करता है। उसकी तुलना पीएफआई जैसे आतंकवादी संगठन से की जा रही है।
मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने कांग्रेस के पुराने बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि ये वही कांग्रेस है जो भगवान राम के मंदिर निर्माण का विरोध करती थी। ये वही कांग्रेस है जिन्होंने रामसेतु को काल्पनिक कहा था। ये वही कांग्रेस जो मौका मिलते ही हिंदुत्व का विरोध करती है। आज उसका चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि भला कौन भूल सकता है कि मध्य प्रदेश में सिमी जैसे आतंकवादी संगठन को खाद पानी कौन देता था। सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध करने वाले, आतंकवादियों को महिमामंडित करने वाले अब बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के बाद कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री चाैहान ने कमलनाथ को घेरते हुए कहा कि कमलनाथ हनुमान जी के इतने बड़े भक्त बनते हैं, जबकि उनकी पार्टी कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है। उन्हें इस मामले पर जवाब देना चाहिए।
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