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मुंबई । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को पुणे में कहा कि हिंदी से नफरत करना हित में नहीं है। इसलिए पालकों को अपने बच्चों को हिंदी पढ़ाना चाहिए।
शरद पवार ने पुणे में आज पत्रकारों से कहा कि हिंदी को जबरदस्ती नहीं पढ़ाया जाना चाहिए। हिंदी से नफरत करना छात्रों के हित में नहीं है। छात्रों को इस बारे में फैसला लेना चाहिए। वे अपने माता-पिता के मार्गदर्शन के अनुसार फैसला ले सकते हैं। अगर कोई आकर सीखना चाहता है, तो उसे मना करने का कोई कारण नहीं है। इस मामले को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि देश के 55 से 60 फीसदी लोग हिंदी बोलते हैं। सौहार्द बनाए रखने के लिए इस भाषा से नफरत करना सही नहीं है, लेकिन इसे जबरदस्ती थोपना भी सही नहीं है।
शरद पवार ने स्थानीय निकाय, जिला परिषद पंचायत समिति चुनावों के बारे में बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अब तीन महीने के अंदर चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और किसान मजदूर पार्टी एक साथ बैठेंगे। हम इस पर चर्चा करेंगे और सोचेंगे कि क्या हम एक साथ चुनाव का सामना कर सकते हैं। फिर हम एक संयुक्त निर्णय लेंगे। मुंबई में उद्धव ठाकरे की ताकत हमारे बीच सबसे ज्यादा है। उन्हें वहां पर विचार करना होगा।
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