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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ अत्याचार के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं.पाकिस्तान के मीरपुरखास में 10 परिवारों के 50 हिंदुओं को मुसलमान बनाया गया है। इनमें 1 साल की बच्ची भी शामिल है। इस मौके पर मजहबी मामलों के मंत्री मोहम्मद ताल्हा महमूद के बेटे मोहम्मद शमरोज खान भी मौजूद रहे। वो खुद भी सांसद हैं।हिंदुओं का सामूहिक धर्मांतरण कराने के लिए एक स्पेशल सेरेमनी ऑर्गेनाइज की गई। जिन लोगों का मजहब बदलवाया गया है, उन्हें चार महीने तक एक जगह रखा गया, इसे आम बोलचाल में इस्लामी ट्रेनिंग सेंटर कह सकते हैं।करीब एक महीने पहले हिंदू सांसद दानिश कुमार ने सदन में यह कहकर सबको चौंका दिया था कि उनके सहयोगी सांसद उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए लालच देते हैं या दबाव डालते हैं। अब हिंदुओं के सामूहिक धर्मांतरण का मामला सामने आया है।हिंदुओं को मुस्लिम बनाने की इस घटना का खुलासा पाकिस्तान के ही अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने एक स्पेशल रिपोर्ट में किया है। इसके मुताबिक यह प्रोग्राम बैतुल इमान न्यू मुस्लिम कॉलोनी के एक मदरसे में किया गया। शाहबाज शरीफ सरकार में मजहबी मामलों के मंत्री मोहम्मद ताल्हा महमूद के बेटे और सांसद मोहम्मद शमरोज खान खुद भी इसका हिस्सा बने।जिस संगठन ने यह धर्मांतरण कार्यक्रम आयोजित किया, उसके केयरटेकर कारी तैमूर राजपूत ने कहा- कुल 10 परिवारों को इस्लाम में शामिल किया गया है। वो मर्जी से मुस्लिम बनने को राजी हुए। हमने कोई दबाव नहीं डाला। इस मौके पर कई स्थानीय लोग मौजूद थे।कारी ने कहा- 10 परिवारों के कुल 50 लोगों ने इस्लाम कबूल किया है। इनमें 23 महिलाओं के अलावा एक साल की बच्ची भी शामिल है। इन सभी लोगों को एक खास सेंटर में रखा गया था। ये सेंटर 2018 में उन लोगों के लिए बनाया गया था, जो दूसरे मजहबों को छोड़कर इस्लाम अपनाते हैं।कारी ने बताया कि सभी लोगों को इस सेंटर में चार महीने रखा गया। इस दौरान उन्हें मजहबी ट्रेनिंग दी गई और उनकी हर जरूरत पूरी की गई। सेंटर में उन्हें भोजन, कपड़े और दवाइयां भी मुहैया कराई गईं। पिछले 5 साल में अनगिनत लोगों ने दूसरे धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाया है।उन्होंने कहा कि आमतौर पर हम पूरे परिवार को इस्लाम में कन्वर्ट कराते हैं। अगर किसी एक शख्स का धर्मांतरण कराया जाए तो विवाद हो जाता है। चार महीने सेंटर में रहने के दौरान उन्हें कहीं भी आने-जाने की इजाजत होती है। वो चाहें तो ये जगह भी छोड़कर जा सकते हैं।पाकिस्तान के हिंदू एक्टिविस्ट फाकिर शिवा ने इस सामूहिक धर्मांतरण का विरोध किया है। शिवा ने कहा- बिल्कुल साफ नजर आ रहा है कि अब सरकार ही दूसरे मजहब के लोगों का इस्लाम में धर्मांतरण करा रही है। माइनॉरिटीज के लोग कई साल से मांग कर रहे हैं कि इस तरह के कन्वर्जन के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए, लेकिन हमारी बात सुनेगा कौन? सिंध में तो यह बहुत बड़ा मसला बन चुका है। अब तो कैबिनेट मिनिस्टर का सांसद बेटा भी इस तरह के प्रोग्राम में शामिल हो रहा है।शिवा ने आगे कहा- हमारे लिए ये बहुत फिक्र की बात है कि धर्मांतरण किस पैमाने पर हो रहा है, लेकिन क्या करें? हम मजबूर हैं। हमारी कम्युनिटी में पहले ही बहुत गरीबी है। इसका फायदा मजहबी नेता उठा रहे हैं। लोगों को लालच दिया जाता है, फिर उन्हें कन्वर्ट कराया जाता है।
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