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भोपाल। पूर्व आईएएस अधिकारी मध्यप्रदेश की पहली और अब तक की इकलौती महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच नहीं रहीं। उन्होंने 97 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वह कैंसर से पीड़ित थीं और बीते कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं। रविवार सुबह परिजन उन्हें अस्पताल लाए, जहां डॉक्टरों ने उनके निधन की पुष्टि की। बुच परिवार के करीबी लोगों ने बताया कि सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बुच के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।
निर्मला बुच 1960 बैच की आईएएस अधिकारी थीं और 22 सितम्बर 1991 से एक जनवरी 1993 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा की सरकार में मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव रहीं। वह मध्य प्रदेश की इकलौती मुख्य सचिव रही हैं। वे भोपाल की अरेरा कॉलोनी में अकेली रहती थीं। बेटे विनीत बुच अमेरिका में रहते हैं। उनके पति महेश नीलकंठ बुच भी मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी थे और करीब 8 साल पहले उनका निधन हो चुका है। उन्होंने प्रशासनिक क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किए थे।
अद्भुत थी निर्मला जी की प्रशासनिक दक्षताः शिवराज
निर्मला बुच के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच के निधन के समाचार से मन दुःखी है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा और प्रशासनिक दक्षता अद्भुत थी। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं परिजनों के साथ है।
सामाजिक जीवन में उनका योगदान अविस्मरणीयः कमल नाथ
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बुच के निधन पर ट्वीट के जरिए श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव एवं कर्मठ समाजसेवी निर्मला बुच के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे और परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दे। मध्यप्रदेश के सामाजिक जीवन में उनका योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। विनम्र श्रद्धांजलि।
गौरतलब है कि प्रशासनिक सेवा में रहते हुए निर्मला बुच ने सभी प्रमुख पदों पर काम किया। वे वित्त और शिक्षा विभाग की सचिव रहीं। केंद्रीय योजना आयोग में उन्होंने सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दी थी। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम किया। उनके द्वारा महिला चेतना मंच का संचालन भी किया जा रहा था।
निर्मला बुच का जन्म 11 अक्टूबर 1935 को उत्तर प्रदेश के ग्राम खुर्जा में हुआ था। वर्ष 1960 में मंसूरी से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उनकी पहली पदस्थापना 1961 में जबलपुर में हुई थी। वह 1961 से 1993 तक मध्य प्रदेश एवं भारत सरकार के विभिन्न विभागों के प्रशासन एवं प्रबंधन के पदों पर रहीं। वह मध्य प्रदेश सरकार में 1975-77 तक वित्त सचिव एवं शिक्षा सचिव तथा 1991-1992 में मुख्य सचिव के पद पर रहीं। इन पदों पर रहते हुए उन्होंने प्रदेश के विकास का जो मॉडल तैयार किया, वह मील का पत्थर साबित हुआ।
Kolar News
9 July 2023
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