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'द कश्मीर फाइल्स' फिर चर्चा में आ गई है इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया यानी के जूरी हेड नदव लैपिड ने इसे प्रोपेगेंडा बताकर विवाद पैदा कर दिया है। इजरायली फिल्ममेकर नदव लैपिड ने 'द कश्मीर फाइल्स' को 'वल्गर प्रोपेगेंडा' बताया है। इसको लेकर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जिसके ऊपर गुजरती है ,वहीं जनता है। उन्होंने कहा काश , टिप्पणी करने वाले महोदय एक बार पीड़ित कश्मीरी पंडितों से मिले होते। और उनके दर्द को महसूस किया होता। इस मौके पर उन्होंने राहुल गाँधी के कमल कहने पर भी तंज कसा।
गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने नदव लैपिड के बयान को लेकर कहा कि जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई। मैं कश्मीरी फाइल्स फिल्म पर टिप्पणी करने वाले फिल्म निर्माता नदव लापिड के लिए बात कह रहा हूं। 90 के दशक में घर बार, कारोबार और अपनों को छोड़ने का जो दंश कश्मीरी हिंदुओं ने झेला है। उस पीड़ा और दर्द को हर भारतवासी के सामने सजीव रुप से फिल्म कश्मीर फाइल्स के माध्यम से पहुचाया गया है। काश ,टिप्पणी करने वाले महोदय एक बार रूबरू पीड़ित कश्मीरी पंडितों से मिले होते और उनके दर्द का शतांश भी महसूस किया होता आपका बयान अलगाववादी और टुकड़े टुकड़े मानसिकता वाली गैंग के लिए दिया गया प्रतीत होता है। आपके इस शर्मनाक बयान से पूरा देश आहत है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा 2G , 3G के बाद राहुल गांधी ने "जी" लगाना बंद कर दिया है। इसीलिए वरिष्ठता के बाद भी कमलनाथ जी के नाम मे उन्होंने "जी" लगाना जरूरी नहीं समझा।
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