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पटना। बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद लालू यादव की पार्टी राजद को जोर का झटका लगा है। साथ ही कांग्रेस की भारत जोड़ा न्याय यात्रा पर भी इसका खासा असर पड़ा है। पूर्णिया में राहुल गांधी के साथ एक मंच पर लालू यादव और तेजस्वी यादव के नहीं होने से कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। राहुल बिहार में अपने सहयोगी दलों के साथ जो ताकत दिखाना चाहते थे, वैसा कुछ भी वे नहीं कर पाए हैं।
बिहार में अपनी मजबूत ताकत दिखाने के लिए कांग्रेस की ओर से भारत जोड़ी न्याय यात्रा किशनगंज के रास्ते बिहार में प्रवेश कर चुकी है। उम्मीद थी कि 30 जनवरी को पूर्णिया में होने वाली राहुल गांधी की जनसभा में कांग्रेस अपने सहयोगी दलों को एक मंच पर लाकर एकजुटता का संदेश देगी लेकिन लालू यादव और तेजस्वी यादव को नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए ईडी द्वारा बुलाने से कांग्रेस और राहुल गांधी को झटका लगा है।
राहुल गांधी की पूर्णिया जनसभा में कांग्रेस अपनी ताकत दिखाना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस ने पिछले करीब 15 दिनों से बड़ी तैयारी की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने आईएनडीआई गठबंधन के घटक दलों को भी आमंत्रित किया था। इसमें लालू यादव और तेजस्वी यादव भी शामिल थे। उम्मीद थी कि लालू और तेजस्वी के पूर्णिया में राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने से भरी भीड़ जुटती। इतना ही नहीं राहुल, लालू और तेजस्वी के एक साथ मंच पर आने से कांग्रेस और राजद की एकजुटता का भी परिदृश्य दिखता लेकिन ईडी की पूछताछ ने कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
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