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मुंबई। मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने राज्य सरकार के आश्वासन के बाद गुरुवार रात को अपनी भूख हड़ताल वापस लेने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अगर 02 जनवरी तक सरकार की ओर से उन्हें दिए गए आश्वासन की पूर्ती नहीं की गई तो वे फिर से आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार आगामी दो महीनों में मराठा समाज को उनके हक का आरक्षण दिलाने की हर कानूनी प्रक्रिया पूरी कर लेगी। इसके बाद इस समाज को आरक्षण के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से दो प्रतिनिधिमंडल मनोज जारांगे पाटिल को भूख हड़ताल खत्म कराने के लिए मुंबई से जालना गए थे। इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व न्यायाधीश एमजी गायकवाड़ और सुक्रे का था, जबकि दूसरा प्रतिनिधिमंडल मंत्रियों का था। पूर्व जज की समिति ने मनोज जारांगे पाटिल को समझाने का प्रयास किया कि एक दिन में टिकाऊ आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इसके लिए समय देना जरूरी है। राज्य सरकार हर स्तर पर काम कर रही है।
पूर्व जज गायकवाड़ ने बताया कि मराठा समाज को पिछड़ा घोषित करने के लिए एक और आयोग गठित किया जाएगा। साथ ही मराठा समाज को पिछड़ा घोषित करने का आकलन संस्थाएं मिलकर करेंगी। इसके बाद मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने मनोज जारांगे पाटिल को समझाने का प्रयास किया कि पूरी सरकार मनोज जारांगे पाटिल के साथ खड़ी है। इसके बाद मनोज जारांगे ने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार दो महीनों में मराठा समाज को कानूनन टिकाऊ आरक्षण देने के लिए काम करने वाली है। मनोज जारांगे ने उनके ऊपर विश्वास रखकर अपनी भूख हड़ताल वापस ली है। यह सरकार के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है और सरकार इस जिम्मेदारी को किसी भी कीमत पर पूरा करेगी।
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