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देश में अब तक मंकिपॉक्स के 5 मामले दर्ज हो चुके है। और अब केरल में मंकिपॉक्स से एक मौत भी हो चुकी है। मृतक युवक की उम्र 22 साल थी। वह UAE से अपने घर आया था । वहां से निकलने के एक दिन पहले ही युवक की उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मंकिपॉक्स से हुई पहली मौत को देखते हुए सजग रहने की ज़रुरत है। लेकिन लोग अभी तक मंकिपॉक्स को लेकर सीरियस नहीं है। WHO का कहना है की मंकिपॉक्स सिर्फ सिर्फ गे सेक्स से ही नहीं फैलता। बल्कि जो भी इसके संपर्क में आता है यह उसे होने की संभावना होती है।हालांकि WHO शुरू से कहते हुए आरहा है की समलैंगिक पुरुषों में मंकीपॉक्सहोने की संभावना ज़्यादा है। और इस बात को लेकर LGBTQ कम्युनिटी में काफी भी हलचल मची हुई थी। लेकिन अब WHO द्वारा नई हेल्थ एडवाइजरी जारी की गयी है। जिसमें उन्होंने कहा है कि यह ज़रूरी नहीं है की मकीपॉक्स का खतरा केवल पुरुषों के साथ यौन संबंध यानी सेक्स करने वाले पुरुषों तक ही सीमित हो । यदि किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में कोई भी व्यक्ति है तो उसे मंकीपॉक्स होने का खतरा ज्यादा है। मंकिपॉक्स के लक्षण है बुखार ,शरीर में दर्द ,ठंड लगना ,थकान और सुस्ती मांसपेशियों में दर्द, बुखार के समय बहुत ज्यादा खुजली वाले दाने उभर सकते हैं, चेहरे, हाथ और शरीर के बाकी हिस्सों पर चकत्ते और दाने होने लगते है। मंकिपॉक्स से बचाव के लिए हेल्थ मिनिस्ट्री ने कुछ गाइडलाइन जारी की है जैसे -
1. हेल्थ सेंटर्स उनपर नज़र रखें जिनके शरीर पर दाने दीखते है।
2. जिन लोगों ने मंकीपॉक्स सस्पेक्टेड देशों की यात्रा की हो उनपर नज़र रखें।
3. जब तक मरीज के शरीर में दानों से पपड़ी नहीं उधड़ जाती तब तक हेल्थकेयर फैसिलिटी में आइसोलेट किया जाएगा।
4. व्यक्ति के पॉजिटिव पाए जाने पर तुरंत कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू की जाएगी।
5. मंकीपॉक्स संदिग्ध मरीजों के खून या फ्लूइड का सैंपल एनआईवी पुणे में टेस्ट के लिए भेजा जाएगा।
6. अफ्रीकी जंगली जानवरों से बनाए गए प्रोडक्ट्स जैसे पाउडर,क्रीम और लोशन का इस्तेमाल करने से बचें।
7. आपको गिलहरी, बंदर ,चूहे, सहित मरे और ज़िंदा जंगली जानवरों के कांटेक्ट में भी नहीं आना चाहिए।
8. ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें जो विदेश से आये हों और किसी त्वचा रोग से ग्रसित हों।
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