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माता महामाया-महालया को मदिरा का भोग लगाकर शुरू हुई नगर पूजा
ujjain, City worship started,Mata Mahamaya-Mahalaya

उज्जैन। शहर की प्राचीन परम्परा के अनुसार चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी पर श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी द्वारा नगर की सुख-समृद्धि के लिए पूजा की शुरुआत हुई। बुधवार सुबह 8.00 बजे अखाड़े के सचिव एवं अभा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी महाराज ने चौबीस खंभा स्थित माता महामाया व महालया को मदिरा का भोग लगाकर नगर पूजा की शुरुआत की। इसके बाद दल ढोल-ढमाकों के साथ शहर के 40 से अधिक देवी व भैरव मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए रवाना हो गया। नगर में करीब 27 किलोमीटर मार्ग पर मदिरा की धार लगाई जाएगी।

मान्यता है कि सम्राट विक्रमादित्य नगर की सुख-समृद्धि के लिए नगर पूजा करते थे। यह परंपरा दो हजार से अधिक सालों से चली आ रही है। इसी परंपरा अनुसार शारदीय नवरात्र में कलेक्टर द्वारा माता महामाया व महालया को मदिरा का भोग लगाकर नगर पूजा की शुरुआत की जाती है।

वहीं, बीते कुछ सालों से चैत्र मास में श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी द्वारा नगर पूजा की शुरुआत की गई है। कोरोना महामारी के दौरान भी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने हरिद्वार से आकर यहां परंपरा का निर्वहन किया था। इसी क्रम में बुधवार सुबह चौबीस खंभा माता मंदिर से नगर पूजा प्रारंभ हुई।

दरअसल, नगर पूजा में 27 किलोमीटर मार्ग पर मदिरा की धारा लगाई जाती है। कोटवारों का दल तांबे के पात्र में मदिरा भर कर चलते हैं। इस पात्र में छिद्र होता है, जिसके द्वारा मदिरा की धार निरंतर बहती रहती है। रास्ते में आने वाले प्रमुख देवी मंदिर और भैरव मंदिरों में नए ध्वज और चोला चढ़ाया जाता है। रात 8.00 बजे अंकपत मार्ग स्थित हांडी फोड़ भैरव पर यात्रा का समापन होगा। यात्रा में बैंड-बाजों के साथ भक्तगण माता के जयकारे लगाते चल रहे हैं।

दोपहर 12.00 बजे हरसिद्धि में शासकीय पूजा

देश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में महाअष्टमी पर दोपहर 12 बजे शासकीय पूजा होगी। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम माता हरसिद्धि को सौभाग्य सामग्री अर्पित कर पूजा अर्चना करेंगे। रात्रि में 10 बजे से हवन होगा।

Kolar News 29 March 2023

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