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नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से रविवार को पांच दिवसीय संसद के विशेष सत्र के आयोजन से एक दिन पूर्व सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में विपक्षी दलों ने सरकार से महिला आरक्षण विधेयक लाए जाने की मांग की।
सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि सरकार ने बैठक में आगामी सत्र से जुड़े एजेंडे को साझा किया। सभी दलों से संसद को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग देने की अपील की। उन्होंने बताया कि 18 सितंबर सोमवार को वर्तमान संसद भवन में आजादी के 75 वर्ष पर चर्चा की जाएगी। अगले दिन 19 सितंबर मंगलवार को गणेश चतुर्थी के दिन वर्तमान संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में कार्यक्रम होगा, जिसमें सभी सांसदों का फोटो सेशन भी होगा। इसके बाद नई बिल्डिंग में संसद की कार्यवाही होगी। आगे संसद की कार्यवाही नियमित रूप से चलेगी।
महिला आरक्षण से जुड़े विधेयक पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि इस तरह के प्रस्ताव हर बार बैठकों में प्राप्त होते हैं। सरकार अपने हिसाब से काम करती है। समय आने पर इस विषय पर सरकार निर्णय लेगी।
बैठक से पूर्व कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि संसद के विशेष सत्र के दौरान उनकी पार्टी महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाएगी।
बैठक में सरकार की ओर से लोकसभा में उप नेता राजनाथ सिंह, राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी उपस्थित रहे। इसमें कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन, राजद नेता मनोज झा, आम आदमी पार्टी (आआपा) नेता संजय सिंह और प्रमुख नेत्री कन्निमोई शामिल थे।
बैठक के बाद बीजू जनता दल के नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि हमारी ओर से महिला आरक्षण विधेयक की मांग की गई है। आज की ही बैठक में 60 सांसदों में से केवल चार महिलाएं थीं। आजादी के इतने सालों बाद भी आधी आबादी कौन कहा कि नहीं मिला।
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