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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2002 के गोधरा कांड के तीन दोषियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। इन तीनों को उम्रकैद की सजा मिली हुई है।सुनवाई कर रहे CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा- गोधरा कांड से भड़के सांप्रदायिक दंगे गंभीर घटना थी। इसमें किसी एक व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी।हालांकि, गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली इस याचिका को SC ने दूसरी बेंच के पास लिस्टिंग के लिए परमिशन दे दी है.दोषियों की तरफ से पेश SC के सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े ने SC में दलील दिया। उन्होंने कहा दोषी सौकत यूसुफ इस्माइल मोहन, बिलाल अब्दुल्ला इस्माइल बादाम घांची और सिद्दीक को ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इनमें से एक 17 साल और 6 महीने सजा काट चुका है।जबकि दूसरा 20 साल से सजा जेल में बंद हैं। आगे हेगड़े ने कहा कि दो दोषी छोटे केस में दोषी हैं। उनके ऊपर हिंसा के दौरान पत्थर फेंकने और गहने चोरी के आरोप लगे थे। जबकि उन गहनों का अभी तक पता नहीं चल सका। SC ने दोषियों के पक्ष सुनने के बाद बेल देने से मना कर दिया।
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