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इंदौर। इंदौर जिले में बावड़ी, कुओं आदि संरचनाओं का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के दौरान चिन्हित कमजोर छत, छज्जा या अन्य किसी प्रकार से ढंके हुए कुएं, बावड़ियों को खतरनाक संरचना की श्रेणी में रखा जायेगा। खतरनाक संरचना की सूची के मामलों में अतिक्रमण हटाने अथवा सुरक्षा संबंधी उपाय सुनिश्चित करने की कार्यवाही की जायेगी। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी द्वारा शनिवार को धारा-144 के तहत आदेश जारी किये गये हैं। जारी आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी।
इस संबंध में जारी आदेश लागू हो गया है। यह आदेश 28 मई तक प्रभावशील रहेगा। उल्लंघनकर्ताओं के विरुद्ध अभियोजन की कार्यवाही भी की जाएगी। जारी आदेशानुसार इन्दौर नगर निगम सीमा अन्तर्गत आयुक्त नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा अपने अधिकारियों के माध्यम से नगर निगम सीमा क्षेत्र में स्थित सभी बावड़ियों/कुओं का सर्वे कराया जाएगा। सूची संधारित कराई जायेगी। उक्त सूची में स्थल का नाम, भूमि स्वामी का नाम, सर्वे नंबर भी अंकित किया जायेगा। साथ ही फोटोग्राफ भी संधारित किये जाएंगे। ऐसी किसी गहरी संरचना पर अतिक्रमण किया हो, कमजोर छत बनाकर या छज्जा आदि अन्य किसी प्रकार से ढंक दिया हो, या कोई दीवार आदि निर्मित कर घातक स्थिति उत्पन्न की हो, तो पृथक से खतरनाक संरचना की सूची में रखा जायेगा।
खतरनाक संरचना की सूची के प्रत्येक मामलों में तत्काल नियमों-अधिनियमों के तहत अतिक्रमण हटाये जाने एवं सुरक्षा के सभी उपाय संबंधित व्यक्ति/संस्था के माध्यम से सुनिश्चित कराने की कार्यवाही करवाई जायेगी। तत्संबंधी कार्यवाही नगर परिषद क्षेत्रों में सभी स्थानीय नगरीय निकाय के सीएमओ द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में की जायेगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की कार्यवाही के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी,जनपद पंचायत एवं संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं सचिवों को दायित्व सौंपा गया है।
उक्त कार्य में संबंधित कार्यपालिक दण्डाधिकारी (तहसीलदार/नायब तहसीलदार) आवश्यक सहयोग करते हुए सुरक्षा के समस्त उपायों को सुनिश्चित करायेंगे। एक माह में उपरोक्तानुसार कार्यवाही संपादित करते हुए की गई कार्यवाही की समस्त जानकारी की विस्तृत रिपोर्ट कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी को प्रस्तुत की जायेगी।
यदि कहीं इस प्रकार के खतरनाक कुओं/बावड़ी की जानकारी किसी के संज्ञान में आती है तो कलेक्टर कार्यालय के आपदा नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 0731-2365534 पर इसकी सूचना दी जा सकती है।
अनुपयोगी व खुले नलकूपों/बोरवेल को मजबूत ढक्कनों से बंद रखना जरूरी
कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी डॉ.इलैयाराजा टी द्वारा इंदौर जिले की सीमा क्षेत्रान्तर्गत अनुपयोगी अथवा खुले पड़े हुए बोरवेल को लोहे के मजबूत ढक्कन/केप से नट बोल्टों की सहायता से मजबूती के साथ बंद करने के संबंध में धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
अनुपयोगी व खुले नलकूपों/बोरवेल में छोटे बच्चों के गिरने संबंधी तथ्य यदा कदा संज्ञान में आते रहते हैं। उक्त घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी द्वारा उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के एक प्रकरण में पारित निर्णय के परिपालन में उक्त घटनाओं की आशंकाओं के दृष्टिगत दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत उक्त आदेश जारी किया है। इन्दौर जिले की सीमा क्षेत्रान्तर्गत जिन बारेवेल का उपयोग नहीं किया जाता है या जिन बोरवेल में मोटर नही डाली है तथा जिनमें बोर कैप नहीं लगा हुआ है, उक्त खुले बोरों में बोर केप संबंधित मकान मालिक/किसान/संस्था को लगवाये जाना जरूरी होगा। साथ ही आदेशित किया गया है कि अनुपयोगी अथवा खुले पड़े हुए बोरवेल को लोहे के मजबूत ढक्कन/कैप से नट बोल्टों की सहायता से मजबूती के साथ बंद किया जाए। संबंधित क्षेत्र के कार्यपालिक मजिस्ट्रेट क्षेत्र का भ्रमण कर उक्त व्यवस्था सुनिश्चित करवाये जाने हेतु उत्तरदायी होंगे।
यह आदेश तत्काल प्रभावशील किया गया है । यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त आदेश का उल्लघंन करेगा तो उसके विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत अभियोजन की कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश 28 मई, 2023 तक प्रभावशील रहेगा तथा उक्त प्रभावशील अवधि में उक्त आदेश का उल्लघंन धारा 188 भारतीय दण्ड विधान अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।
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