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प्रधानमंत्री ने ‘यशोभूमि’ के पहले चरण को किया राष्ट्र को समर्पित
new delhi, Prime Minister ,

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने रिमोर्ट का बटन दबाकर सेंटर का औपचारिक तौर पर नामकरण ‘यशोभूमि’ किया।

 

 

विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री ने इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर, द्वारका में एक नई योजना ‘पीएम विश्वकर्मा’ शुरू करने से पहले भगवान विश्वकर्मा को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने विभिन्न कारीगरों, श्रमजीवियों और शिल्पकारों के साथ बातचीत की।

सरकार के अनुसार देश में बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के प्रधानमंत्री के विजन को द्वारका में ‘यशोभूमि’ के प्रचालन के साथ सुदृढ़ किया जाएगा। करीब 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल परियोजना क्षेत्र और 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ ‘यशोभूमि’ दुनिया की सबसे बड़ी एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां) सुविधाओं में अपना स्थान बनाएगी। इसे लगभग 5400 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। इसमें एक भव्य कन्वेंशन सेंटर, कई प्रदर्शनी हॉल और अन्य सुविधाएं हैं। इसके अलावा 73 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में मुख्य सभागार, ग्रैंड बॉलरूम सहित 15 सम्मेलन कक्ष और 13 बैठक कक्ष शामिल हैं। इनकी कुल क्षमता 11,000 प्रतिनिधियों को रखने की है।

 

कन्वेंशन सेंटर में देश का सबसे बड़ा एलईडी मीडिया अग्रभाग है। कन्वेंशन सेंटर का पूर्ण हॉल लगभग 6 हजार मेहमानों की बैठने की क्षमता से सुसज्जित है। ऑडिटोरियम में सबसे नवीन स्वचालित बैठने की प्रणालियों में से एक है जो फर्श को एक सपाट फर्श या अलग-अलग बैठने की व्यवस्था के लिए ऑडिटोरियम शैली में बैठने में सक्षम बनाती है।

 

सभागार में उपयोग किए गए लकड़ी के फर्श और ध्वनिक दीवार (एकुस्टिक वॉल) पैनल आगंतुक को विश्वस्तरीय अनुभव कराएंगे। अद्वितीय पंखुड़ी की छत वाला ग्रैंड बॉलरूम लगभग 2,500 मेहमानों की मेजबानी कर सकता है। इसमें एक विस्तारित खुला क्षेत्र भी है जिसमें 500 लोग बैठ सकते हैं। आठ मंजिलों में फैले 13 बैठक कक्षों में विभिन्न स्तरों की विभिन्न बैठकें आयोजित करने की परिकल्पना की गई है।

 

‘यशोभूमि’ में दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी हॉलों में से एक है। 1.07 लाख वर्ग मीटर से अधिक में बने इन प्रदर्शनी हॉलों का उपयोग प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों और व्यावसायिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा। यह एक भव्य अग्रदीर्घा (फ़ोयर) स्थान से जुड़े हुए हैं, जिसे तांबे की छत के साथ विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किया गया है जो विभिन्न स्काईलाइट के माध्यम से अंतरिक्ष में प्रकाश को फ़िल्टर करता है। फोयर में मीडिया रूम, वीवीआईपी लाउंज, क्लोक सुविधाएं, आगंतुक सूचना केंद्र, टिकटिंग जैसे विभिन्न सहायता क्षेत्र होंगे।

 

‘यशोभूमि’ में सभी सार्वजनिक परिसंचरण क्षेत्रों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह सम्मेलन केंद्रों के बाहरी स्थान के साथ निरंतरता का बोध कराता है। यह टेराज़ो फर्श के रूप में भारतीय संस्कृति से प्रेरित सामग्रियों और वस्तुओं से बना है, जिसमें पीतल की जड़ाई रंगोली पैटर्न, सस्पेंडेड साउंड एव्जोरवेंट मेंटल सिलेंडर और रोशनी की पैटर्न वाली दीवारों का प्रतिनिधित्व करती है।

 

‘यशोभूमि’ स्थिरता के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित करती है क्योंकि यह 100 प्रतिशत अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग, वर्षा जल संचयन के प्रावधानों के साथ अत्याधुनिक अपशिष्ट जल उपचार प्रणाली से सुसज्जित है। इसके परिसर को सीआईआई के भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) से प्लेटिनम प्रमाणन प्राप्त हुआ है। ‘यशोभूमि’ आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्चतकनीक सुरक्षा प्रावधानों से भी सुसज्जित है। 3,000 से अधिक कारों के लिए भूमिगत कार पार्किंग सुविधा भी 100 से अधिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट से सुसज्जित है।

Kolar News 17 September 2023

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