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मन की बात : ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई
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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेनाओं ने सीमा पार आतंकवादी ठिकानों पर सटीक कार्रवाई कर हर भारतीय को गौरव से भर दिया है। यह सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं, बल्कि बदलते भारत की ताकत, संकल्प और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की तस्वीर भी है। प्रधानमंत्री ने माओवादी क्षेत्र में हो रहे विकास और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भी अपने मन की बात रखी। उन्होंने बताया कि वह इस बार विशाखापट्टनम में योग दिवस से जुड़े मुख्य आयोजन में भाग लेंगे।

 

प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' के 122वें एपिसोड की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर से करते हुए मिशन में उपयोग में लाई गई देश की तकनीकी ताकत और घरेलू निर्माण क्षमताओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इसे लेकर जोश देखा गया-तिरंगा यात्राएं, कविताएं, चित्रकला और नवजात शिशुओं को ‘सिंदूर’ नाम देने की परंपरा तक शुरू हो गई।

 

प्रधानमंत्री ने माओवादी क्षेत्र में विकास की नई बयार का उल्लेख किया और कुछ उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि माओवादी क्षेत्रों में सामान्य जीवन और विकास का यह नया अध्याय समाज के साहसिक योगदान से संभव हुआ। उन्होंने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के काटेझरी गांव का उदाहरण दिया, जहां पहली बार बस सेवा शुरू हुई। यह माओवादी हिंसा से मुक्त सामान्य जीवन की ओर बढ़ते गांवों का प्रतीक है। इसी तरह, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में शैक्षिक सफलता और खेल व विज्ञान के क्षेत्र में बच्चों की भागीदारी ने साबित किया कि परिवर्तन संभव है।

 

प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से जुड़ा मुख्य आयोजन विशाखापट्टनम में होगा, जिसमें वे स्वयं भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि ‘योग’ सिर्फ ‘हेल्दी लाइफस्टाइल’ नहीं, बल्कि ‘कलेक्टिव वेलबीइंग’ का माध्यम भी है। आंध्र प्रदेश सरकार के ‘योगआंध्र’ अभियान की सराहना करते हुए उन्होंने बताया कि 10 लाख लोगों का एक ‘योगा पूल’ तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने डब्ल्यूएचओ के साथ हुए समझौता ज्ञापन का ज़िक्र करते हुए कहा कि अब ‘ट्रेडिशनल मेडिसिन’ को एक ‘साइंटिफिक ग्लोबल फ्रेमवर्क’ में शामिल किया जाएगा, जिससे आयुष को दुनिया भर में नई पहचान मिलेगी।

 

प्रधानमंत्री ने विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर शहद उत्पादन में भारत की प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि बीते 11 वर्षों में देश में ‘स्वीट रेवोल्यूशन’ आया है, जिससे शहद उत्पादन 60 प्रतिशत बढ़ा है। ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन मिशन’ और ‘शहद मिशन’ के तहत हजारों किसानों को प्रशिक्षण, उपकरण और बाज़ार से जुड़ाव मिला। छत्तीसगढ़ का ‘सोन हनी’ जैसे स्थानीय ब्रांडों ने वैश्विक पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री ने लोगों से स्थानीय उद्यमियों से शहद खरीदने की अपील की।

 

प्रधानमंत्री ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स की सफलता पर खुशी जताई, जिसकी मेजबानी बिहार के पाँच शहरों ने की। पाँच हजार से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया और बिहार की खेल भावना की सराहना की। यह पहला आयोजन था जिसे ओलंपिक चैनल के माध्यम से वैश्विक स्तर पर दिखाया गया। महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान शीर्ष विजेता रहे। कुल 26 नए रिकॉर्ड बने, जिसमें कई खिलाड़ियों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। बिहार ने भी 36 पदक जीते। प्रधानमंत्री ने कहा, जो खेलता है, वही खिलता है और ऐसे आयोजनों को भारतीय खेलों के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक बताया।

 

प्रधानमंत्री ने गिर के शेरों की बढ़ती आबादी से जुड़ी खबर साझा करते हुए कहा कि यह संरक्षण और जनभागीदारी का परिणाम है। गुजरात के गिर वन में एशियाटिक शेरों की संख्या पाँच वर्षों में 674 से बढ़कर 891 हो गई है। प्रधानमंत्री ने इसे समाज की 'ओनरशिप' की भावना का उदाहरण बताया और वन अधिकारियों, खासकर महिलाओं की भागीदारी, आधुनिक तकनीक और जनसहभागिता को इसका श्रेय दिया।

 

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने सिक्किम के डॉ. चेवांग नोरबू भूटिया द्वारा स्थापित ‘क्राफ्टेड फाइबर’ ब्रांड की सराहना की। उन्होंने पारंपरिक बुनाई को आधुनिक फैशन से जोड़ते हुए कहा कि इसने स्थानीय महिलाओं, पशुपालकों और स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाया है।

 

उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी जीवन जोशी ने पोलियो के बावजूद चीड़ के पेड़ों की छाल से ‘बगेट’ नामक अनोखी कला विकसित की। प्रधानमंत्री ने उन्हें जीवंत प्रेरणा बताते हुए उनके साहस और रचनात्मकता की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

 

तेलंगाना के संगारेड्डी जिले की ग्रामीण महिलाएं अब ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर खेती में क्रांति ला रही हैं। प्रधानमंत्री ने उन्हें ‘स्काई वॉरियर्स’ कहकर संबोधित किया और बताया कि तकनीक और संकल्प मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं।

 

प्रधानमंत्री ने सीबीएसई की ‘शुगर बोर्ड’ पहल की जानकारी दी, जिससे बच्चे चीनी की खपत के प्रति जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने इसे स्वस्थ जीवनशैली की ओर एक बड़ा कदम बताया।

 

प्रधानमंत्री ने आइटीबीपी की माउंट मकालू चढ़ाई टीम के पर्यावरण की दृष्टि से किए गए विशेष कार्य का उल्लेख किया। उन्होंने यहां से 150 किलो गैर-अपघटनीय कचरा नीचे लाकर स्वच्छता का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री ने पेपर वेस्ट और रीसाइक्लिंग की आवश्यकता पर बल दिया और बताया कि कैसे देशभर में स्टार्टअप्स इस दिशा में अभिनव प्रयास कर रहे हैं।

Kolar News 25 May 2025

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