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अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने कारसेवकपुरम में बुधवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन देश भर के पांच लाख मंदिरों में आनंदोत्सव मनाया जायेगा। इसके लिए राममंदिर ट्रस्ट देश भर में निवेदन पत्र भेजेगा। इसमें इस दिन अपने क्षेत्र के मंदिरों में कार्यक्रम करने के साथ साथ घरों में भी पांच-पांच दीपक जलाने का अनुरोध रहेगा। यह पत्रक देश के सभी अलग-अलग हिस्सों में उनके ही भाषाओं में वितरित किया जाएगा, जिसके लिए तैयारियां शुरू हो गई है।
चम्पत राय ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा भेजे गये निवेदन पत्र में सूचना दी जायेगी कि लोग अपने आवास के निकटम स्थित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा जैसा माहौल बनाये। पांच लाख मंदिरों में इस तरह का आनंदोत्सव मनाने की तैयारी की जा रही है। किसी भी देवी- देवता का मंदिर हो। वहां कार्यक्रम आरती व विशेष पूजन का आयोजन हो। प्रसाद का वितरण भी करें। लोग अपने घरों में कम से कम पांच दीपक अवश्य जलाएं।
उन्होनें बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या आने के लिए पूरे देश को सुनिश्चित तिथियों में बांटा गया है। प्रवासी भारतीय अपने देश की तारीख तय कर लें। इनकम टैक्स में रिर्टन के बारे में उन्होंने बताया कि इसे जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर थी, जिसे अक्टूबर तक बढ़ाया गया, परन्तु ट्रस्ट ने उसे पहले ही दाखिल कर दिया।
पांच नवम्बर को सभी प्रांतों के कार्यकर्ता ले जायेंगे पूजित अक्षत
मंदिर ट्रस्ट महासचिव चम्पत राय ने बताया कि विहिप संगठन के तहत प्रदेशों को प्रांतों में विभक्त किया गया है। हल्दी व घी के इस्तेमाल से किया गया पीला अक्षत की थैलियां पांच नवम्बर को प्रांतों से आये कार्यकर्ताओं को दिया जायेगा। जिसे वह अपने क्षेत्र में ले जाकर अलग से हल्दी व घी मिला अक्षत मिलाकर पूजन करेंगे। ग्राम स्तर तक यह अक्षत पहुंचेगा। एक से 15 जनवरी तक इसका घर घर वितरण किया जायेगा।
हुतात्माओं की शांति के 13 अक्टूबर को दीपदान व नवरात्र में होगा शांति पाठ
उन्होंने बताया कि श्राद्ध पक्ष में राममंदिर के लिए अपने प्राण देने वाले ज्ञात व अज्ञात हुतात्माओं की आत्मशांति के लिए 13 अक्टूबर को शाम सात बजे राम की पैड़ी पर दीपदान कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।
इसके लिए वाल्मीकि रामायण व रामचरित मानस का नवान्ह पाठ बुधवार को पूरा हो गया। नवरात्रि में भगवती की आराधना की जायेगी। कांची पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज प्रमोदवन स्थित अपने मठ में आ गये है। वह 30 अक्टूबर तक अयोध्या में रहेंगे। उनके दिशा निर्देशन में दो विद्वान हुतात्माओं की शांति के लिए देवी की आराधना करेंगे।
रामानंदीय परम्परा के तहत पुजारियों का पांच से छह महीने चलेगा प्रशिक्षण
चम्पत राय ने बताया कि राममंदिर में रामानंद परम्परा के तहत होने वाली पूजा के लिए पुजारियों को पांच से छह महीने का प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद इसको लागू किया जायेगा, जिसके लिए चिंतन प्रारम्भ हो गया है।
प्रवासी भारतीयों के लिए एफसीआरए पंजीकरण के बाद दिल्ली में खुलेगा खाता
उन्होंने बताया कि प्रवासी भारतीयों से धन प्राप्त करने के लिए एफसीआरए में पंजीकरण किया गया। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया है। जब मंत्रालय संतुष्ट हो जायेगा। तो प्रार्थना पत्र को नम्बर दिया जायेगा। उसके आधार विदेशी धन भेज सकेंगे। इसके लिए दिल्ली स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में खाता खोलना पड़ता है। प्रत्येक रुपये की जानकारी भारत सरकार रखती है।
22जनवरी को प्रोटोकॉल वाले अतिथियों को न आने की अपील
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देश विदेश से आने वाले राम भक्त अयोध्या न आकर बल्कि अपने निकट के मंदिर में ही इस महोत्सव को मनाने की अपील की है। इसके साथ ही 22 जनवरी को आने वाले अतिथियों में विशेष प्रोटोकॉल वाले अतिथियों को अयोध्या न आने का भी अनुरोध किया है। ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि देश के सभी मुख्यमंत्री, राज्यपाल, राजदूत प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या न आए इस दौरान उन्हें उचित सुविधा देने में परेशानी हो सकती है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद वो आएंगे तो उन्हें पूरी व्यवस्थाएं मिलेगी। सभी अपने-अपने क्षेत्र में आनन्दोत्सव मनाए।
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