Advertisement
सुप्रीम कोर्ट में एक अजीब केस लिस्ट किया गया। रेप के दोषी एक शख्स के माता-पिता ने याचिका लगाई कि उनके बेटे ने जिस लड़की का रेप किया था उससे पैदा हुआ बच्चा उन्हें सौंप दिया जाए। इस याचिका को सुनकर CJI डीवाई चंद्रचूड़ नाराज हो गए। उन्होंने याचिका खारिज करते हुए कहा- यहां आने वाली याचिकाओं की कोई सीमा है या नहीं।रेपिस्ट के पैरेंट्स की याचिका लेकर उनका वकील कोर्ट रूम में पहुंचा। CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा की बेंच सुनवाई कर रही थी। वकील ने याचिका पढ़ी तो CJI ने फटकार लगाते हुए कहा- आपका बेटा रेप के आरोप में जेल में है और आप चाहते हैं कि वह बच्चा (दुष्कर्म के बाद पैदा हुआ बच्चा) आपको सौंपा जाए?इसके बाद वकील बोला- यह मांग बच्चे की भलाई के लिए की जा रही है। इस पर जस्टिस नरसिम्हा बोले- आपको पता है, आप क्या कह रहे हैं? CJI चंद्रचूड़ ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में आने वाली याचिकाओं की भी कोई हद होनी चाहिए, याचिका खारिज की जाती है।इस तरह की मांग और सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाए जाने की बात सामने आते ही सोशल मीडिया यूजर्स भी खफा नजर आए। एक यूजर ने लिखा- फिर वही सवाल कि आखिर SC सीधे 2 मिनट भी क्यों खर्च करता है। ऐसे मामलों को सीमित क्यों नहीं करता जो सीधे नहीं आ सकते हैं। अगर SC के पास हमेशा सुनवाई का समय है तो लोअर या हाईकोर्ट का क्या मतलब है।एक और यूजर ने लिखा- बच्चे की भलाई, लानत है। उन्होंने पहले ही अपनी परवरिश से एक को राक्षस बनाया। अब एक और जीवन नष्ट करना चाहते हैं? वे केवल बच्चे की हिरासत चाहते हैं ताकि लड़की पर मामला वापस लेने का दबाव डाला जा सके। कड़ा फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट को साधुवाद।
Kolar News
24 April 2023
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.
Created By: Medha Innovation & Development
|