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नई दिल्ली। अब तीनों सेनाओं में सभी रैंक की महिलाओं को मातृत्व और बच्चों की देखभाल के लिए एक समान अवकाश मिलेगा। छुट्टी के नियमों में विस्तार करने और एक समान रूप से लागू करने पर सशस्त्र बलों की सभी महिलाओं को अपने पेशेवर और पारिवारिक जीवन में बेहतर तरीके से संतुलन बनाने में मदद मिलेगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों, नाविकों और वायु योद्धाओं के लिए उनके अधिकारी समकक्षों के बराबर मातृत्व, बाल देखभाल और बाल गोद लेने की छुट्टियों के नियमों के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह नियम जारी होने के साथ ही सेना में सभी महिलाओं को समान रूप से छुट्टियां मिलेंगी, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक में कार्यरत हों।
रक्षा मंत्रालय का यह फैसला सशस्त्र बलों में सभी महिलाओं की समावेशी भागीदारी के दृष्टिकोण के अनुरूप है। छुट्टी नियमों में विस्तार देने से सशस्त्र बलों से संबंधित महिलाओं को पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों से निपटने में काफी मदद मिलेगी। इससे सेना में महिलाओं की कार्य स्थितियों में सुधार होगा और उन्हें पेशेवर और पारिवारिक जीवन के क्षेत्रों में बेहतर तरीके से संतुलन बनाने में मदद मिलेगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का हमेशा से मानना रहा है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में अपने पुरुष समकक्षों के बराबर होना चाहिए। इसीलिए तीनों सेनाओं ने महिलाओं को सैनिकों, नाविकों और वायु योद्धाओं के रूप में शामिल करके एक आदर्श बदलाव की शुरुआत की है। महिला अग्निवीरों की भर्ती से सशस्त्र बल देश की भूमि, समुद्र और हवाई सीमाओं की रक्षा के लिए महिला सैनिकों, नाविकों और वायु योद्धाओं की बहादुरी, समर्पण और देशभक्ति से सशक्त होंगे।
दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में ऑपरेशनल रूप से तैनात होने से लेकर युद्धपोतों पर तैनात होने के साथ-साथ आसमान पर हावी होने तक भारतीय महिलाएं अब सशस्त्र बलों में लगभग हर क्षेत्र में बाधाओं को तोड़ रही हैं। 2019 में भारतीय सेना में सैन्य पुलिस कोर में सैनिकों के रूप में महिलाओं की भर्ती के माध्यम से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी हासिल की गई है।
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