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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बैंकॉक (थाईलैंड) में आयोजित छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में बिम्सटेक देशों के बीच सहयोग के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए 21 सूत्री कार्ययोजना का प्रस्ताव रखा। बिम्सटेक को सामूहिक रूप से सक्रिय करने और नेतृत्व की भूमिका में आने वाले युवाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि सांस्कृतिक संबंध बिम्सटेक देशों को और करीब लाएंगे।
बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपी देशों का एक अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है। इसमें बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल सदस्य हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बैंकॉक में आयोजित 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक समुद्री परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर, बिम्सटेक बैंकॉक विजन 2030 को अपनाने तथा बिम्सटेक प्रतिष्ठित व्यक्ति समूह की रिपोर्ट को अपनाने का स्वागत किया। बिम्सटेक सदस्य देशों ने शिखर सम्मेलन घोषणापत्र को भी अपनाया।
प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक देशों में व्यापार को बढ़ावा देने और आईटी क्षेत्र की समृद्ध क्षमता का दोहन करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि म्यांमार और थाईलैंड में हाल ही में आए भूकंप के मद्देनजर आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि बिम्सटेक देशों में व्यापार को बढ़ावा देने का समय आ गया है। बिम्सटेक में क्षमता निर्माण ढांचे का एक शानदार उदाहरण बनने की क्षमता है। हम सभी एक-दूसरे से सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे। हम सामूहिक रूप से बिम्सटेक को ऊर्जा देंगे और हमारे युवा ही इसका नेतृत्व करेंगे। संस्कृति जैसी कुछ चीजें ही आपस में जुड़ती हैं! सांस्कृतिक संबंध बिम्सटेक को और भी करीब ला सकते हैं।
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