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नई दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर जाति जनगणना का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की प्रगति के रास्ते में दीवार खड़ी करने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी की ओर से संविधान दिवस पर आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित संविधान रक्षक अभियान कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आदिवासी, दलित और पिछड़ों से कहा जाता है कि देश आपका है और इसमें आपकी भागीदारी है लेकिन जब हम डेटा देखते हैं तो यह झूठा साबित होता है। डेटा बताता है कि देश का पूरा बजट 90 लोगों के हाथ में है। इनमें से तीन दलित, तीन ओबीसी और एक आदिवासी वर्ग के लोग हैं। भाजपा के लोग इस वर्ग के विकास के रास्ते में दीवार खड़ी कर रहे हैं।
इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि देश के संसाधन 25 अरबपतियों के पास हैं। टाटा, बिड़ला अंबानी और अडानी ना दलित हैं और ना ही आदिवासी हैं।
कार्यक्रम के दौरान एक बार के लिए बिजली कट के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भाषण बीच में रुक गया। माइक दोबारा चालू होने पर उन्होंने कहा कि पिछले तीन हजार साल से इस देश में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के मुद्दे उठाने वालों का माइक बंद कर दिया जाता रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान हिन्दुस्तान के लोगों की हजारों साल की सोच है। इसमें गांधीजी, आंबेडकर, भगवान बुद्ध और ज्योतिबाफुले जैसे महान लोगों की आवाज है लेकिन सावरकर की आवाज नहीं है।
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