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पश्चिम बंगाल के बाद अब बिहार चर्चा में हैं। रामनवमी के दंगों की वजह से। बंगाल के बाद बिहार के सासाराम और बिहार शरीफ़ में दंगे हुए तो वहाँ के स्थानीय भाजपा नेताओं ने कहा - दोनों ही राज्यों में अस्थिरता है। दोनों राज्यों में अराजकता फैली है। सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। न पश्चिम बंगाल में और न ही बिहार में।जवाब में नीतीश कुमार का कहना है कि कौन करता है ये सब, कौन करवाता है, इस सब का पता लगाएँगे, क्योंकि पहले तो कभी ऐसा होता नहीं था। थोड़ा- बहुत कुछ होता भी था तो तुरंत एक्शन करके दबा दिया जाता था।इसी बीच गृहमंत्री अमित शाह बिहार पहुँचे। उन्होंने कहा- मैं सासाराम नहीं जा पाया क्योंकि वहाँ गोलियाँ चल रही हैं। उन्होंने बिहार की क़ानून-व्यवस्था की ओर इशारा किया और साफ- साफ़ चेताया कि नीतीश कुमार और ललन सिंह के लिए भाजपा अपने दरवाज़े हमेशा के लिए बंद कर चुकी है। जहां तक नीतीश बाबू की महत्वाकांक्षाओं का सवाल है, वे कभी पूरी नहीं हो पाएँगी। उनका कहना था कि दरअसल, नीतीश बाबू प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं और लालू जी के बेटे तेजस्वी यादव को बिहार की सत्ता सौंपने का सपना पाले हुए हैं।लेकिन उनका सपना पूरा होने वाला नहीं है। वे प्रधानमंत्री नहीं बन पाएँगे क्योंकि प्रधानमंत्री का पद अभी वेकेन्ट नहीं है। यानी ख़ाली नहीं हुआ है।शाह ने कहा- जनता नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने की ठान चुकी है। ऐसे में न नीतीश पीएम बन पाएँगे, न तेजस्वी मुख्यमंत्री। शाह ने कहा- 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद बिहार की सरकार गिर जाएगी और अगले चुनाव में निश्चित तौर पर भाजपा यहाँ अपनी सरकार बनाएगी। जैसे ही राज्य में भाजपा की सरकार आई, दंगाइयों को हम उल्टा लटका देंगे। किसी की हिम्मत नहीं होगी दंगा फैलाने की। कुल मिलाकर, राजनीति अपने चरम पर है। कोई किसी से कम खुद को आंकना नहीं चाहता। न कोई राजनीतिक पार्टी, न कोई नेता।उधर आप वाले अरविंद केजरीवाल इन दिनों कुछ ज़्यादा ही आक्रामक हो गए हैं। ख़ासकर तब से, जब से उनके डिप्टी यानी मनीष सिसोदिया जेल गए हैं। पहले वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नहीं बोलते थे। केवल भाजपा पर वार करते रहते थे। लेकिन अब वे सीधे तौर पर मोदी के खिलाफ खुलकर आ गए हैं। नित नए बयान उनके आ रहे हैं। उन्होंने अपने ताज़ा बयान में लोगों से अपील की है कि अगली बार पढ़े- लिखे लोगों को ही वोट दीजिए। अनपढ़ों को नहीं।
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