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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार के गुजरात के दो दिन के दौरे पर हैं। शनिवार सुबह उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत पुनरुत्थान विद्यापीठ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 1051 ग्रंथो का लोकार्पण किया। ये ग्रंथ समाज और राष्ट्रीय चेतना पर लिखे गए हैं।इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा- आज एक साथ 1051 ग्रंथों का विमोचन एक शब्द रिकॉर्ड बन सकता है। हम गुलामी से बाहर नहीं आए हैं। इसलिए इसे समझना और समझाना हमारा काम है। नई शिक्षा नीति में नया क्या है, इस पर भी अलग नजरिया होना चाहिए। यह भारतीयों को भारतीय परंपरा से अवगत कराने के लिए उठाया गया कदम है। इस ज्ञान को समझने के विभिन्न तरीके हैं। कोरोना में दुनिया को अहसास हुआ कि दुनिया को भारत की जरूरत है।वहीं, शुक्रवार को मोहन भागवत ने अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान पर आयोजन समाजशक्ति संगम कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान कार्यक्रम में 14 हजार से ज्यादा स्वंयसेवक मौजूद रहे। संघ प्रमुख ने 8 साल बाद अहमदाबाद में किसी सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने 2015 में सार्वजनिक तौर एक कार्यक्रम को संबोधित किया था।मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का आज जन्मदिन मनाया जा रहा है। हर महीने की 14 तारीख को बदलाव की तारीख होती है। सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करता है। हमारे देश को सशक्त बनाने और दुनिया का मार्गदर्शन करने वाली यह महान शख्सियत का जन्म भी 14 अप्रैल को हुआ। डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का जन्म एक ऐसी घटना थी, जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया।
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