Advertisement
कर्नाटक की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने पिछली भाजपा सरकार के धर्मांतरण विरोधी कानून को निरस्त करने का फैसला किया है। सिद्धारमैया सरकार 3 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में इससे जुड़ा एक विधेयक पेश करेगी।यह जानकारी कर्नाटक के कानून और संसदीय मंत्री एच के पाटिल ने कैबिनेट मीटिंग के बाद दी। गौरतलब है कि एंटी कन्वर्जन लॉ BJP सरकार ने सितंबर 2022 में इसे लागू किया था।30 सितंबर से लागू हुआ कानून एंटी कन्वर्जन लॉ को दिसंबर 2021 में विधानसभा में पारित किया गया था, लेकिन विधान परिषद में पेश नहीं किया गया था जहां भाजपा के पास आवश्यक ताकत का अभाव था। मई 2022 में धर्मांतरण विरोधी कानून को लागू करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया। भाजपा सरकार में पारित हुए इस अधिनियम में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा और गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी धोखाधड़ी के जरिए एक धर्म से दूसरे धर्म में गैरकानूनी धर्मांतरण पर रोक लगाने का प्रावधान था।इसके अंतर्गत 25 हजार जुर्माने के साथ 3 से 5 साल की सजा होती थी। जबकि नाबालिगों, महिलाओं, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से जुड़े प्रावधानों के उल्लंघन पर 10 साल की कैद और 50 हजार जुर्माना लगता था।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |