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दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने हिस्सा लिया। जहां पर मोदी ने यज्ञ भी किया। इस दौरान सम्बोधित करते हुए पीएम ने कहा कि , उस समय स्वामीजी ने महिला सशक्तिकरण के लिए आवाज उठाई थी और छुआछूत के खिलाफ लड़े थे। पीएम मोदी ने कहा कि देश की नीतियां और कोशिशें लोगों में फर्क नहीं करती हैं। हमारी सरकार वंचितों, पिछड़े वर्गों और गरीबों की सेवा को अपनी प्राथमिकता मानती है। उन्होंने कहा कि यह अवसर ऐतिहासिक है और भविष्य के इतिहास को निर्मित करने का है। यह पूरे विश्व के मानवता के भविष्य के लिए प्रेरणा का फल है। स्वामी दयानंद जी और उनका आदर्श था कि हम पूरे विश्व को श्रेष्ठ बनाएं। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी भी मौजूद रहे। पीएम ने कहा- जब महर्षि दयानंद का जन्म हुआ था तब देश सदियों की गुलामी से कमजोर पड़ कर अपनी आभा, तेज, आत्मविश्वास सब कुछ खोता चला जा रहा था। प्रति क्षण हमारे संस्कार, आदर्श को चूर-चूर करने का प्रयास होता था। उन्होंने कहा- महर्षि ने सामाजिक भेदभाव और छुआछूत जैसी समाज की कुरीतियों के खिलाफ अभियान शुरू किया। हमारे इतिहास और परम्पराओं को दूषित करने का प्रयास किया गया। उसी समय महर्षि दयानंद जी के प्रयास समाज में संजीवनी के रूप में प्रकट हुए और उनका कायाकल्प किया।
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