Video

Advertisement


सुप्रीम कोर्ट ने किया व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना पर रोक लगाने से इनकार
new delhi,Supreme Court ,Vyas ji

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों पक्षों को कहा है कि वो यथास्थिति बनाये रखें ताकि दोनों पक्ष अपनी पूजा अर्चना और नमाज को अंजाम दे सकें। कोर्ट ने तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद पक्ष की याचिका पर ट्रायल कोर्ट के याचिकाकर्ता शैलेंद्र व्यास को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे सप्ताह में होगी।

 

मस्जिद कमेटी की ओर से वकील हुजैफा अहमदी ने व्यास जी तहखाने में पूजा की इजाजत दिए जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि निचली अदालत ने एक हफ्ते में पूजा शुरू कराने का आदेश दिया था जबकि प्रशासन ने रात को ही पूजा के लिए तहखाने को खुलवा दिया। अहमदी ने कहा कि 31 जनवरी को कोर्ट के आदेश के बाद रात में बैरिकेट काटी गई और सुबह 4 बजे से पूजा शुरू की गई। आदेश में सिविल प्रोसिजर को फॉलो नहीं किया गया।

अहमदी ने कहा कि हिन्दू पक्ष के मुताबिक 1993 में तहखाने में राज्य सरकार द्वारा ताला लगाया गया था। अहमदी ने कहा कि 1993 से 2023 तक कोई पूजा नहीं हुई और 2023 में दावा किया गया। कोर्ट ने उस दावे पर आदेश कर दिया और पूजा स्थल कानून को ध्यान में रखते हुए यह दिया गया। चीफ जस्टिस ने कहा कि जिलाधिकारी का कहना है कि दूसरा ताला राज्य का है।

अहमदी ने कहा कि यह सही है, क्योंकि 1993 तक उनका कब्ज़ा था। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि आप दोनों के विवाद में कब्जा हिन्दू पक्ष के पास था। इसमें 1993 में राज्य ने हस्तक्षेप किया था। क्या दूसरा ताला कलेक्टर ने खुलवाया। पहला ताला व्यास परिवार के पास था। अहमदी ने कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने बैरिकेड्स हटाने के लिए लोहे के कटर खरीदे और रात में बैरिकेड्स हटा कर सुबह 4 बजे पूजा शुरू कर दी जबकि तहखाने में हो रही पूजा से पहले कोई कब्जा नहीं है। इसकी वजह से चीजें खराब हो जाएंगी।

अहमदी ने कहा कि तहखाना दक्षिण में हैं और मस्जिद जाने का रास्ता उत्तर में है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि मेरा विचार है कि नमाज पढ़ने जाने के और पूजा पर जाने के रास्ते अलग अलग हैं। ऐसे में हमारा मानना है की दोनों पूजा पद्धति में कोई बाधा नहीं होगी। ऐसे मे यथास्थिति को बरकरार रखते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें पूरी तरह से इस पर स्पष्टता चाहिए कि तहखाने और मस्जिद में प्रवेश का आने जाने का रास्ता कहां से है। अहमदी ने कहा कि जब 30 साल बीते चुके थे तो आखिर इतनी जल्दबाजी क्या थी। हमारी मांग है कि इस मामले में अदालत को पूजा के आदेश पर दिए गए फैसले पर रोक लगानी चाहिए। इस मामले मे कई अलग अलग अर्जियां है। एक अर्जी मे नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।

सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की तरफ से श्याम दीवान ने चीफ जस्टिस के तहखाने और मस्जिद के रास्तों के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि उत्तर की तरफ से मस्जिद में जाने का रास्ता है जबकि दक्षिण की तरफ से व्यास जी के तहखाने में जाने का रास्ता है। इस मामले में अदालत को नोटिस नही जारी करना चाहिए। यह नोटिस जारी करने का मामला नहीं है।

वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि लगातार हम मस्जिद का हिस्सा खो रहे हैं। मस्जिद की जगह पर अतिक्रमण किया जा रहा है। जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने ही वजूखाना क्षेत्र को संरक्षित किया है। वैसे ही इसे भी किया जाए। अहमदी ने कहा कि जैसा सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की कोर्ट के आगे जाकर नीचे कैंटीन है। अब यह कहा जाए कि वह सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा नहीं, वैसा ही इस मामले में भी हुआ है।

Kolar News 1 April 2024

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.