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गुजरात मॉडल की तर्ज पर प्रदेश के परिवहन चेकपोस्टों को बंद कर व्यवस्था का होगा आधुनिकीकरण
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भोपाल। प्रदेश में संचालित परिवहन चेकपोस्टों पर वाहन संचालकों को बडी राहत देने के परिपेक्ष्य में वाहनों के आवागमन को सुगम और सरल बनाने के लिए गुजरात राज्य की तर्ज पर चेकपोस्टों को बंद कर चेकिंग व्यवस्था का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इस आधुनिकीकरण से जहॉ एक ओर वाहन मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी वहीं दूसरी ओर वाहन चालकों को समय की बचत होगी।

 

 

 

उक्त बदलाव की जानकारी देते हुए प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने मंगलवार को बताया कि गुजरात मॉड्ल के लागू होने तक प्रदेश में चल रहे परिवहन चेकपोस्ट पर वाहनों के आवागमन को सुगम करने के लिए 7 अस्थाई चेकपोस्ट (प्राणपुर, बिलौआ, नहर, समरसा, करहाल ,रानीगंज तिगेला, राजना) एवं इसके अतिरिक्त वर्तमान में चल रहे सभी 6 चेकिंग पाईंट आज से ही बंद किये जाएंगे।

 

 

राजपूत ने बताया कि चेकपोस्ट पर गाडि़यों की मैनुअल चालानी कार्रवाई चरणबद्ध रूप से बंद की जायेगी। आने वाले समय में आधुनिक पी.ओ.एस मशीन से चालानी कार्यवाही की जायेगी तथा चालान की राशि ऑनलाईन जमा होगी। इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट के नियमानुसार एवं खाली चलने वाली गाडि़यों पर चालानी कार्रवाई नहीं होगी साथ ही चेकपोस्ट पर नियम विरूद्ध चलने वाली गाडि़यों पर ही चालानी कार्रवाई की जाएगी।

 

 

 

परिवहन मंत्री ने बताया कि चेकपोस्टों को बंद करके वाहनों की चेकिंग व्यवस्था का आधुनिकीकरण गुजरात मॉडल की तर्ज पर चरणबद्ध रूप से 14 दिसम्बर, 2023 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। क्योंकि प्रदेश में संचालित 40 स्थायी चेकपोस्टों में से 19 इंटीग्रेटेड चेकपोस्टों का संचालन एमपीआरडीसी एवं म.प्र. बॉर्डर चेकपोस्ट डवलपमेंट कॉर्पोरेशन के मध्य हुए एग्रीमेंट के तहत हो रहा है।

 

 

मंत्री राजपूत ने बताया कि अभी देश में महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, तेलगांना, आंध्रप्रदेश, बिहार, केरल आदि राज्यों में परिवहन चेकपोस्ट पर मैनुअल चेकिंग की व्यवस्था चल रही है। प्रदेश में गुजरात मॉडल लागू करने के लिये सभी परिवहन चेकपोस्टों पर आवश्यक संसाधन जैसे ब्रेथ एनालाईजर, स्पीड रडारगन, पोर्टेबल तौलकांटे, बॉडीवार्न कैमरा, पीओएस मशीन के साथ अतिरिक्त मानव संसाधन की भी आवश्यकता होगी जिसे 14 दिसम्बर तक पूर्ण कर लिया जाएगा ।

 

 

 

परिवहन विभाग की सभी सेवाएं फेसलेस एवं ऑनलाइन :

मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि आमतौर पर परिवहन चेकपोस्टों में मोटर व्हीकल एक्ट तथा सुप्रीम कोर्ट सेफ्टी कमेटी के विभिन्न मानकों अनुसार माल एवं यात्री गाड़ियों में ओवरलोडिंग, बीमा तथा फिटनेस आदि की चैकिंग की जाती है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 से जीएसटी लागू कर गाड़ियों की चेकिंग एवं उन पर कार्रवाई हेतु ऑनलाइन सिस्टम द्वारा कैशलेस व्यवस्था बनाकर वाहन-सारथी पोर्टल से जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तारतम्य में प्रदेश में वाहन पोर्टल मार्च 2023 में प्रारंभ किया गया है जिससे अब प्रदेश एवं देश के सभी वाहनों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके अलावा परिवहन विभाग में वर्तमान में ड्राईविंग लायसेंस, आरसी, फिटनेस, परमिट तथा नवीनीकरण आदि सेवाओं को फेसलेस एवं आधुनिक बनाया गया है।

 

 

11 राज्यों की चेकपोस्ट व्यवस्था का किया अध्ययन:

परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने बताया कि वाहन संचालकों को राहत प्रदान करने के उददेश्य से प्रदेश में चल रहे परिवहन चेकपोस्ट की वर्तमान व्यवस्था की तुलना में अन्य राज्यों द्वारा अपनायी जा रही प्रक्रिया का अध्ययन कर बेहतर वैकल्पिक व्यवस्था का सुझाव देने के लिए अपर परिवहन आयुक्त अरविन्द सक्सेना की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी द्वारा 11 राज्यों में चल रही चेकपोस्टों की व्यवस्था का अध्ययन कर सुझाव एवं अनुशंसा दी गई है जिस पर परिवहन विभाग द्वारा जल्द कार्रवाई करते हुए उन्हें प्रदेश में लागू किया जाएगा।

Kolar News 9 August 2023

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