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तिरुवनंतपुरम/बेंगलुरु । केरल में निपाह वायरस ने सरकार और नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है। इस बीच केरल के स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय ने कोझिकोड के एक अस्पताल में एक और निपाह वायरस संक्रमित व्यक्ति के पहुंचने की पुष्टि की है। इसकी उम्र 39 साल है। केरल में निपाह के फैलने से कर्नाटक ने अपने यहां चौकसी बढ़ा दी है।
कोझिकोड जिला प्रशासन ने शिक्षण संस्थानों और कोचिंग सेंटर्स में 16 सितंबर तक अवकाश घोषित किया है। विश्वविद्यालय के परीक्षा कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। निपाह संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध एकमात्र प्रायोगिक इलाज ‘मोनोक्लोनल एंटीबाडी’ को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने राज्य में पहुंचा दिया है।
कोझिकोड में निपाह से दो लोगों की मौत हो चुकी है और तीन अन्य संक्रमित हैं। इममें शामिल नौ वर्षीय बच्चे की स्थिति गंभीर है। कोझिकोड में निपाह संक्रमित छह लोग मिल चुके हैं।
केरल में निपाह के मरीजों की बढ़ती संख्या ने कर्नाटक की चिंता बढ़ा दी है।कर्नाटक सरकार ने एक परिपत्र जारी कर नागरिकों से केरल के प्रभावित क्षेत्रों की अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने केरल के सीमावर्ती जिलों कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर में बैरीकेड्स लगवा दिए हैं।
उल्लेखनीय है निपाह वायरस पशुओं के जरिए मनुष्य में फैलता है। इसका पहला मरीज मलेशिया में 1999 में मिला था। इसके बाद सिंगापुर और बांग्लादेश में भी इस वायरस से दहशत रही। यह वायरस चमगादड़ और सूअर के जरिए इंसान के शरीर में पहुंचता है। अगर इस वायरस से संक्रमित कोई चमगादड़ या सूअर किसी फल को काटकर छोड़ देता है और उसे यदि मनुष्य खा ले तो वह निपाह की जद में आ जाता है। अगर किसी शख्स की निपाह वायरस की वजह से जान गई, तो उस परिवार के दूसरे सदस्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। निपाह संक्रमित व्यक्ति का अंतिम संस्कार करते समय जरूरत से ज्यादा सावधानी बरतनी होती है।
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