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मध्य प्रदेश में सफल सिद्ध हो रही चीता परियोजना
bhopal, Cheetah project , Madhya Pradesh

भोपाल। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाकर मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान, श्योपुर में बसाए गए चीतों का व्यवहार सामान्य है और वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। विशेषज्ञों द्वारा चीतों की निगरानी का कार्य 24 घंटे किया जा रहा है। चीता परियोजना सफल सिद्ध हो रही है। चार शावक भी जन्मे हैं। चीता मित्रों सहित स्थानीय निवासी वन्य पर्यटन से आर्थिक रूप से लाभान्वित भी होने लगे हैं।

यह जानकारी शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मध्यप्रदेश राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की बैठक में दी गई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में वन्य-प्राणी संरक्षण क्षेत्र में अच्छा कार्य हो रहा है।

बैठक में यह भी बताया गया कि राज्यवार बाघों की संख्या के आंकड़े जुलाई 2023 तक आने की संभावना है। कान्हा टाइगर रिजर्व में 27 से 29 अप्रैल को वन्य-प्राणी संरक्षण और प्रबंधन पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी होगी, जिसमें अनेक विषय-विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे।

बैठक में कूनो पालपुर में चीता परियोजना, माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की पुनर्स्थापना और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बारहसिंघा स्थापना से संबंधित विषयों पर चर्चा हुई। विभिन्न क्षेत्रों में यातायात, संचार, ऊर्जा और पेयजल सहित विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए बोर्ड द्वारा आवश्यक स्वीकृति भी प्रदान की गई।

चौरागढ़ पहुंचने के लिए रोप-वे का प्रस्ताव

 

बताया गया कि नर्मदापुरम जिले में पचमढ़ी में सतपुड़ा अंचल के प्रमुख श्रद्धा स्थल चौरागढ़ तक रोप-वे की स्थापना के लिए पहल की गई है। मुख्यमंत्री ने इस विषय पर संबंधित पक्षों पर विचार करने के बाद आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। महावत के पद भरने और उन्हें विद्यालयीन शिक्षा के बिना भी हुनरमंद और शिक्षित मानकर प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक प्रावधान करने पर चर्चा हुई।

अखिल भारतीय बाघ गणना

अखिल भारतीय बाघ गणना संबंधी जानकारी में बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 9 अप्रैल को कर्नाटक के मैसूर में अखिल भारतीय बाघ सह-परभक्षी गणना अनुमान 2022 का विमोचन किया है। इसके अनुसार मध्य भारत भू-भाग में बाघों की संख्या में सबसे ज्यादा वृद्धि की बात सामने आई है। यह इस बात का स्पष्ट संकेत भी है कि मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। राज्यवार बाघों की संख्या के आँकड़े विधिवत रूप से जुलाई 2023 में आने की संभावना है।

मध्यप्रदेश के 6 टाइगर रिजर्व हैं बेहतर श्रेणी में

 

बताया गया कि 4 वर्ष के अंतराल में देश के सभी टाइगर रिजर्व में प्रबंधन और प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जाता है। यह मूल्यांकन भारत सरकार विषय-विशेषज्ञों से करवाती है। मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व बेहतर श्रेणियों में शामिल हैं। वर्ष 2022 की मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश के 2 टाइगर रिजर्व कान्हा और सतपुड़ा को उत्कृष्ट श्रेणी में, पेंच, बांधवगढ़ और पन्ना टाइगर रिजर्व को बहुत अच्छी श्रेणी में और संजय टाइगर रिजर्व को अच्छी श्रेणी में रखा गया है। बैठक में बुरहानपुर, हरदा और ओंकारेश्वर अभयारण्य के गठन के प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई। बोर्ड की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों और उनके क्रियान्वयन का ब्यौरा दिया गया।

जी-20 देशों के प्रतिनिधियों ने बाघ संरक्षण और प्रबंधन की प्रशंसा की

जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश के विश्व धरोहर स्थल खजुराहो में गत फरवरी माह में जी-20 शिखर सम्मेलन में आए 20 देश के डेलीगेट्स ने पन्ना टाइगर रिजर्व में भ्रमण कर बाघ के दर्शन किए और यहाँ किए गए बाघ संरक्षण एवं प्रबंधन की प्रशंसा की।

बैठक में वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, विधायक संजय शाह सहित बोर्ड के सदस्य, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव वन जेएन कंसोटिया और वरिष्ठ प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

Kolar News 21 April 2023

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