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जबलपुर/भोपाल । प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर ने अपनी किताब प्रेग्नेंसी बाइबल पर उठे विवाद को लेकर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर स्थित मुख्य खंडपीठ में मंगलवार को जवाब पेश किया। करीना की तरफ से उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि किताब के टाइटल में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे कि किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हो या फिर किसी को ठेस पहुंचे।
दरअसल, करीना कपूर ने 9 अगस्त 2021 को उक्त किताब लॉन्च की थी। इस दौरान उन्होंने किताब को अपना तीसरा बच्चा बताया था। जबलपुर के वकील किस्ट्रोफर एंथोनी ने 2022 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर करीना कपूर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। उन्होंने ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया था।
इस मामले में पहली सुनवाई अगस्त 2022 में हुई थी। तब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भी पार्टी बनाने का कहा था। वकील एंथोनी ने इसके बाद कोर्ट में मेमोरेंडम लगाया। फिर, 10 मई को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने करीना कपूर को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। मंगलवार को हाईकोर्ट में जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने मामले की सुनवाई की।
करीना कपूर के वकील दिव्य कृष्ण बिलैया ने कोर्ट को बताया कि प्रेग्नेंसी बाइबल नाम की बुक में किसी की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं की गई है और न ही ऐसी मंशा थी। उन्होंने किताब के समर्थन में तर्क दिया कि करीना कपूर ने किताब लिखी है। जिसकी संविधान फ्रीडम टू स्पीच के तहत अनुमति देता है। एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथोनी ने करीना के खिलाफ अंडर सेक्शन 294, 295 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की मांग की है। लेकिन, यह एफआईआर असामाजिक तत्वों द्वारा सामाजिक ग्रंथ का अपमान करने वाले के खिलाफ होती है। किताब को बाइबल या किसी भी अन्य ग्रंथ का अपमान करने के उद्देश्य नहीं लिखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया भी अपने कई जजमेंट में बाइबल शब्द का प्रयोग करता है और बाइबल शब्द का प्रयोग करते हुए अपने जजमेंट में हवाला देते हुए कहता है कि इटस बंच ऑफ गुड थॉट्स। कोर्ट ने करीना के वकील की दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 सितंबर को तारीख निर्धारित की है।
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