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जम्मू। जम्मू संभाग के रियासी में हुए आतंकवादी हमले में शामिल आतंकियों की तलाश में अभियान मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है। पुलिस, एसओजी, सीआरपीएफ, सेना की टीमें तलाशी अभियान में जुटी हुई हैं। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों की 11 टीमें बनाई गई हैं। खोजी कुत्तों के साथ ही ड्रोन की मदद से पहाड़ और जंगल का चप्पा-चप्पा खंगाला जा रहा है।
रियासी के पोनी-त्रेयाथ बेल्ट के चारों ओर घेराबंदी की गई है। जिले के साथ ही आसपास के जिलों में भी तलाशी अभियान जारी है। पुलिस ने पूछताछ के लिए 20 से अधिक लोगों को उठाया और उनसे पूछताछ की जा रही है। इसी बीच सुरक्षा बलों ने जम्मू और राजौरी जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और आतंकवादी हमले के बाद से ही तलाशी अभियान जारी है।
उधमपुर-रियासी रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक रईस मोहम्मद भट ने कहा कि सुरक्षा बलों को कुछ सुराग मिले हैं। पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की 11 टीमें आतंकवादियों की तलाश में जुटे हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि हमले में घायल हुए लोगों के बयानों के आधार पर इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि घटनास्थल पर कोई चौथा आतंकवादी भी मौजूद था, जो तीनों आतंकवादियों को निर्देश दे रहा था। सुरक्षा बलों को संदेह है कि पाकिस्तानी आतंकवादी राजौरी और रियासी के पहाड़ी इलाकों में छिपे हुए हैं और उन्होंने क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार एक स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर समेत चार आतंकवादी इस हमले में शामिल थे। आशंका है कि आतंकवादी सुरक्षित संचार के माध्यम से पाकिस्तान की आईएसआई से निर्देश ले रहे हैं। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अबु हमजा के निर्देश पर किया गया। अधिकारियों ने बताया कि बस में विभिन्न स्थानों पर 11 गोलियों के निशान पाए गए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) और फोरेंसिक विभाग की टीमों ने हमला स्थल का दौरा किया और मौके से साक्ष्य जुटाए हैं और आगे की जांच शुरू कर दी है।
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