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प्रयागराज। भारतीय वायुसेना का 91वां स्थापना दिवस समारोह इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज हो गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रविवार को नए वायुसेना ध्वज का अनावरण किया। वार्षिक परेड में वायु योद्धाओं को 'जोश' से भरे कदम मिलाते हुए देखा गया। इसी के साथ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 08 अक्टूबर,2023 की तारीख भारतीय वायुसेना के इतिहास में ऐतिहासिक अवसर के रूप में दर्ज हो गई।
भारत की ड्रोन शक्ति का प्रदर्शन वायुसेना के नए ध्वज के साथ किया गया। इसके बाद निशान टोली ने नए ध्वज के साथ सलामी मंच के सामने से गुजरकर मान्यता दी, जिसका अभिवादन सभी लोगों ने अपनी-अपनी जगह खड़े होकर किया।
इतिहास में पीछे जाएं, तो आजादी से पहले वायुसेना ध्वज के ऊपरी हिस्से में अंग्रेजी हुकूमत की झलक मिलती थी। स्वतंत्रता के बाद भारतीय वायु सेना का झंडा बदला गया। यूनियन जैक को भारतीय तिरंगे के साथ मिलाकर वायुसेना का फ्लैग तैयार हुआ। अब भारतीय वायु सेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए नया ध्वज बनाया गया है। नए झंडे के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट को शामिल किया गया है।
वायुसेना स्टेशन बमरौली को वार्षिक औपचारिक परेड की तैयारियों के अनुरूप तैयार किया गया। सबसे पहले पैरा हैंड ग्लाइडर्स ने परेड स्थल पर आकर आगंतुकों का स्वागत किया और दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से जवाब दिया। इसके बाद एएन-32 विमान से आकाशगंगा टीम के 10 वायु योद्धाओं ने 10 हजार फीट की ऊंचाई पर आसमान में कूदकर पैराशूट के जरिए परेड स्थल पर उतरने का प्रदर्शन किया। तीनों सेनाओं के बैंड ने संगीतबद्ध प्रस्तुति करके दर्शकों का दिल जीत लिया।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (परेड के समीक्षा अधिकारी) ने सलामी लेने के बाद परेड का निरीक्षण किया। इसके बाद परेड कमांडर के नेतृत्व में मार्चिंग टुकड़ियों का सलामी मंच के सामने से गुजरने का सिलसिला शुरू हुआ। कई महिला अधिकारियों ने भी मार्चिंग टुकड़ियों का नेतृत्व किया। परेड में भारतीय सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और बमरौली वायुसेना स्टेशन (सेंट्रल एयर कमांड) के एयर कमांडिंग ऑफिसर आरजईकए कपूर भी मौजूद रहे।
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