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राजधानी भोपाल में स्क्रैब से बनी 'रुद्र वीणा' अटल पथ पर इंस्ट्रॉल कर दी गई है। 28 फीट लंबी, 12 फीट ऊंची और 10 फीट चौड़ी 'रुद्र वीणा' को बनाने में छह महीने लगे थे, जबकि इंस्ट्रॉल करने में करीब 4 घंटे और 14 कलाकारों की टीम जुटी रही। बड़े से ट्रॉले में 6Km सफर 3 घंटे में पूरा किया। आज शाम को वीणा का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद शहरवासियों को न सिर्फ एक अच्छा सेल्फी पाइंट मिलेगा, बल्कि 'रुद्र वीणा' के बारे में वे जान भी सकेंगे।इस वीणा को पवन देशपांडे और देवेंद्र शाक्य ने अपनी टीम के साथ बनाया है। गाड़ियों के स्क्रैब जैसे चैन, गियर, बैयरिंग, वायर आदि से मिलकर बनी वीणा 5 टन यानी 50 क्विंटल वजनी है। करीब चार महीने पहले यह बनकर तैयार हो गई थी। तभी से ऐसी जगह तलाश की जा रही थी, जहां लोग आसानी से पहुंच सके और ट्रैफिक में भी कोई दिक्कतें न हो। आखिरकर इसे अटल पथ पर प्लेटिनम प्लाजा के सामने स्थापित किया गया है। इनोवेशन करने वाले देशपांडे ने बताया कि भोपाल में कबाड़ से जुगाड़ का यह पांचवां बड़ा प्रोजेक्ट है। अयोध्या में 14 टन की भव्य कांस्य वीणा बनी है, लेकिन दावा है कि कबाड़ से भोपाल में दुनिया की सबसे बड़ी वीणा बनाई गई है।आज शाम को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, महापौर मालती राय, निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी समेत अन्य जनप्रतिनिधि वीणा का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद लोग वीणा के साथ सेल्फी ले सकेंगे।'कबाड़ से कंचन' थीम पर पवन देशपांडे और देवेंद्र शाक्य की टीम ने वीणा तैयार की है। कुल 10 कलाकर पिछले छह महीने से डिजाइन, कबाड़ इकट्ठा करने और फिर निर्माण में लगे रहे। दो महीने में पहले वीणा बनाई जाना शुरू की। हर रोज एवरेज 8 घंटे काम किया। आखिरकार कबाड़ की सबसे बड़ी वीणा तैयार हो गई।कबाड़ से इनोवेशन करने वाले देशपांडे और शाक्य ने बताया कि वे और उनकी टीम कबाड़ से रेडियो, गिटार, राजा भोज और कोरोना वैक्सीन बना चुकी है, जो शहर के बोट क्लब, रोशनपुरा चौराहा, आईएसबीटी और सुभाषनगर चौराहे पर स्थापित है। पांचवां प्रोजेक्ट वीणा का रहा। जब नए प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा कर रहे थे तो वीणा तैयार करने का आइडिया आया। साथियों ने रुद्र वीणा बनाने का सुझाव दिया। भारतीय थीम पर काम करना चाहते थे। ताकि, नई पीड़ी भारतीय संस्कृति के बारे में और ज्यादा जान सके।
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