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अमेरिकी थिंक टैंक चेटहेम हाउस ने दावा किया है कि चीन ने अक्साई चिन तक सड़कें, आउटपोस्ट,हेलिपोर्ट और कैंप बना लिए हैं। चीन का मंशा यहां नया सप्लाई रूट बनाना है। इसके जरिए वह किसी आपात स्थिति में यहां सेना भेज सकता है। चेटहेम हाउस ने पिछले 6 महीने की सैटेलाइट तस्वीरों की एनालिसिस के आधार पर यह रिपोर्ट दी है। अक्साई चिन वह इलाका है जिस पर चीन ने 1962 के युद्ध के बाद से कब्जा कर रखा है।थिंकटैंक ने अक्टूबर 2022 से ही तस्वीरों के जरिए चीन की एक्टीविटीज पर नजर रखी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्साई चिन लेक के पास विवादित इलाके में हेलिपोर्ट बनाया है। चीन यहां 18 हैंगर्स और छोटे रनवे का निर्माण कर रहा है, जहां आपात स्थिति में ड्रोन, हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट तक उड़ान भर सकेंगे।चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) यहां लगातार अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार तो चीन ने LAC से लगे एयरफील्ड को और चौड़ा कर लिया है। इसके जरिए चीन की भारत के ऑपरेशन को काउंटर करने की मंशा है।तस्वीरों से साफ है कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास सड़कें चौड़ी की हैं। अक्साई चिन में बनी सड़कें भी चौड़ी की हैं। इसके अलावा आउटपोस्ट, मॉडर्न वेदरप्रूफ कैंप जहां पार्किंग की सुविधा दी गई है, सोलर पैनल भी बना लिए हैं।देपसांग इलाके में भी चीनी गतिविधियां जारी हैं। हालांकि भारत ने भी इस इलाके में अपनी सेना तैनात कर रखी है।रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन 2035 तक शिंजियांग और तिब्बत को जोड़ने वाला हाइवे बनाने की फिराक में है। यह रोड अक्साई चिन के पास से होकर गुजरेगा। हाइवे से चीन की सप्लाई चेन आसान हो जाएगी।गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से झड़प के बाद से ही चीन यहां बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए तैयारी कर रहा है। सीमा पर खूनी हिंसा के बाद से दोनों देशों के संबंध 6 दशक पीछे चले गए हैं। गलवान घाटी में जून 2020 में चीनी सैनिकों से झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। भारत लगातार कहता रहा है कि जबतक सीमा पर शांति नहीं होगी, तबतक चीन के साथ संबंध ठीक नहीं हो सकते।
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