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श्रीनगर के बाद भुज एयरबेस पर रक्षा मंत्री ने वायु योद्धाओं का हौसला बढ़ाया
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नई दिल्ली । ऑपरेशन 'सिंदूर' स्थगित किये जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को गुजरात के भुज में स्थित वायु सेना स्टेशन पर वीर वायु योद्धाओं का हौसला बढ़ाने के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंक के अजगर को कुचलने के लिए भारतीय वायु सेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे। हमारी एयर फोर्स एक ऐसी ‘स्काइफ़ोर्स’ है, जिसने अपने शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई और बुलंद ऊंचाइयों को छू लिया है। जितनी देर में लोग नाश्ता-पानी निपटाते हैं, उतनी देर में आपने दुश्मनों का निपटारा कर दिया। आपने दुश्मन की सीमा के भीतर जाकर जो मिसाइल गिराई, उसकी गूंज पूरी दुनिया ने सुनी।
 
रक्षा मंत्री ने कहा कि अभी कल ही मैं श्रीनगर में सेना के अपने वीर जवानों से मिलकर लौटा हूं। कल मैं भारत के उत्तरी भाग में जवानों से मिला। आज मैं भारत के पश्चिमी भाग में वायु योद्धाओं और जवानों से मिल रहा हूं। दोनों ही मोर्चों पर हाई एनर्जी और हाई जोश देखकर आश्वस्त हो गया हूं कि भारत की सीमाएं आप सभी की मजबूत भुजाओं में पूरी तरह से सुरक्षित हैं। भुज का यह एयरबेस 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का साक्षी रहा है। यह भुज 1971 में भी पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का साक्षी रहा है। आज एक बार फिर यह भुज पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का साक्षी बना है। इसकी मिट्टी में देशभक्ति की खुशबू है, इसलिए यहां के जवानों में भारत की सुरक्षा का अडिग संकल्प है।
 
उन्होंने कहा कि सरकार और देश की जनता हर कदम पर, हर स्थिति में आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। मुझे पूरा विश्वास है कि आपके सहयोग से हम इस पूरे क्षेत्र में आतंकवाद का समूल नाश करेंगे, ताकि कल को कोई भारत की संप्रभुता के खिलाफ आंख उठाने की भी हिमाकत न करे। अब हमने साफ कर दिया है कि अगर हमारी संप्रभुता को कोई नुकसान पहुंचाएगा, तो वह प्रहार भी झेलेगा। आतंकवाद का हम मजबूती से और जोरदार तरीके से जवाब देंगे। एक और बात मैं यहां साफ कहना चाहूंगा कि ऑपरेशन 'सिंदूर' अभी खत्म नहीं हुआ है। अब तक जो कुछ भी हुआ, वह सिर्फ एक ट्रेलर मात्र था। जब सही समय आएगा, तो हम पूरी पिक्चर भी दिखाएंगे।
 
वायु योद्धाओं का हौसला बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अब आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई केवल सुरक्षा का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय रक्षा सिद्धांत का हिस्सा बन चुकी है। हम आपके साथ मिलकर इस हाइब्रिड और छद्म युद्ध को जड़ से समाप्त करेंगे। आज के समय में पाकिस्तान को किसी भी तरह की आर्थिक सहायता आतंकवाद का वित्तपोषण से कम नहीं है। भारत यही चाहेगा कि आईएमएफ पाकिस्तान को अपनी एक बिलियन डॉलर की सहायता देने पर पुनर्विचार करे और आगे भी किसी भी तरह की सहायता देने से परहेज करे। उन्होंने कहा कि भारत नहीं चाहता कि जो फंडिंग हम आईएमएफ को करते हैं, वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान या किसी भी देश में आतंकी ढांचा बनाने में इस्तेमाल की जाए।
 
राजनाथ सिंह ने कहा कि लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के मुरीदके और बहावलपुर स्थित आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। निश्चित रूप से आईएमएफ से आने वाले एक बिलियन डॉलर के बड़े हिस्से को इसमें इस्तेमाल किया जाएगा। क्या यह अंतरराष्ट्रीय संस्था से अप्रत्यक्ष वित्तपोषण नहीं माना जाएगा? आपने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचे के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की मगर पाकिस्तान फिर से इस कोशिश में लग गया है कि ध्वस्त हुए आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा किया जाये। वहां की सरकार, पाकिस्तानी आम नागरिकों से लिया गया टैक्स जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन के आका मसूद अजहर को करीब चौदह करोड़ रुपये देने में खर्च करेगी।
Kolar News 16 May 2025

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