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साना। हूती विद्रोहियों द्वारा तेल अवीव शहर में किए घातक ड्रोन हमले के एक दिन बाद इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पश्चिमी यमन में विद्रोही समूह के कई ठिकानों पर हमला किया। इजराइली सेना ने यह जानकारी दी।
इजराइल-हमास के बीच अक्टूबर से युद्ध शुरू होने के बाद यह इजराइल द्वारा यमन की धरती पर किया गया पहला हमला प्रतीत होता है। इजराइली सेना ने बताया कि हूतियों के गढ़ माने जाने वाले पश्चिमी बंदरगाह शहर हुदयदाह में उसके कई ठिकानों पर हमला किया। उसने कहा कि हाल के महीनों में इजराइल पर किए गए सैंकड़ों हमलों के जवाब में यह कार्रवाई की गई है।
हूती विद्रोही समूह के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुलसलाम ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”यमन पर ‘इजराइली हमला’ किया गया, जिसमें ईंधन भंडारण सुविधाओं और बिजली संयंत्रों को निशाना बनाया गया।
अब्दुल सलाम ने कहा कि इजराइल इन हमलों से लोगों की पीड़ा को और बढ़ाना चाहता था। उसने कहा कि साथ ही यमन पर गाजा का समर्थन बंद करने का दबाव बनाने के लिए ये हमला किया गया।
अब्दुल्सलाम ने कहा कि ये हमले यमन के लोगों और उसके सशस्त्र बलों को गाजा का समर्थन करने के लिए और अधिक मजबूत बनाएंगे। यमन में सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल के मोहम्मद अली अल-हूती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”इसके जवाब में कई घातक हमले किए जाएंगे।”
यमन में हूती विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित मीडिया समूह अल-मसीराह टीवी ने बताया कि इजराइल ने बंदरगाह पर तेल और डीजल के भंडारण सुविधाओं और स्थानीय बिजली कंपनियों को निशाना बनाया है, जिसके कारण कई लोगों की मौत हुई है और कई गंभीर रूप से झुलस गए हैं। इसने बताया कि इस हमले से बंदरगाह पर आग लग गई है और विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। यमन में स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इजराइली हमले में कई लोग मारे गए और अन्य घायल हुए, लेकिन उन्होंने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
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