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भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख मध्यप्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण की दर को बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज़ पर प्रदेश सरकार को भी 2500 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रति मानक बोरा तय करने हेतु निर्णय लेने का अनुरोध किया है। जिससे तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे लाखों श्रमिक अपने परिवार का पालन पोषण कर सके।
कमलनाथ ने अपने पत्र में लिखा कि मध्य प्रदेश में बीस लाख वनवासी परिवार प्रतिवर्ष तेंदुपत्ता संग्रहण का कार्य करते हैं। इन परिवारों द्वारा लाखों मानक बोरा तेंदुपत्ता का प्रतिवर्ष संग्रहण किया जाता है एवं इन परिवारों को इस कार्य के लिए 2500 रुपये प्रति बोरा तेंदुपत्ता संग्रहण की दर से भुगतान किया जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा वर्ष 2019 में तेंदुपत्ता संग्रहण दर 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति बोरा की गई थी, उसके पश्चात से भुगतान की दरें नहीं बढ़ाई गई जबकि प्रदेश के निकटवर्ती राज्य छत्तीसगढ़ में तेंदुपत्ता संग्रहण दर 4000 रुपये प्रति मानक बोरा से वितरित की जा रही है।
पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश में तेंदुपत्ता से अरबों रुपये का व्यापार प्रतिवर्ष होता है जबकि इसकी तुलना में लगे श्रमिकों की मजदूरी दर वर्तमान परिपेक्ष्य में अत्यंत न्यून है एवं संग्रहण दर बढ़ाये जाने की अत्यंत आवश्यकता है ताकि तेंदुपत्ता संग्रहण में लगे श्रमिक वर्तमान महंगाई के दौर में अपना जीवनयापन कर सकें। उन्होंने अनुरोध करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की तरह ही मध्य प्रदेश में भी तेंदुपत्ता संग्रहण दर 2500 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रति मानक बोरा तय करने हेतु शासन स्तर से निर्णय लिये जाने का कष्ट करें, जिससे कि तेंदुपत्ता संग्रहण में लगे लाखों श्रमिक अपने परिवार का भली भांति पालन पोषण कर सकें।
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