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भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बड़ी खबर है। राज्य सरकार ने नगरीय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का फैसला लिया है। यानी नगरीय निकायों में अध्यक्ष और महापौर का चुनाव सीधे जनता करेगी। अब इनका चुनाव पार्षदों के द्वारा नहीं होगा। नए अध्यादेश का प्रशासनिक अनुमोदन हो गया है, 24 घंटे के अंदर शासन की मंजूरी इसे मिल गई है। राजभवन की स्वीकृति के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। रविवार को मुख्यमत्री शिवराज सिंह चौहान राज्यपाल से मुलाकात भी करेंगे।
दरअसल. कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने नगरीय निकाय चुनावों को अप्रत्शक्ष प्रणाली से कराने का फैसला किया था। जिसके बाद महापौर और अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के मतों के आधार पर किया जाना था, लेकिन शिवराज सिंह सरकार ने इस फैसले को पलटते हुए फिर से प्रत्यक्ष प्रणाली लागू कर दी है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि नगर निगमों में महापौर, नगर पालिका एवं नगर परिषदों में अध्यक्ष पद के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए जाएंगे, इन्हें सीधे जनता चुनेगी। महापौर और अध्यक्ष शहर का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्हें जनता से ही निर्वाचित होना चाहिए। प्रत्यक्ष चुनाव से जोड़-तोड़ खरीद-फरोख्त की गुंजाइश नहीं होती है। निष्पक्षता के साथ जनता को अपना महापौर अध्यक्ष चुनने का अवसर मिलता है। हम अध्यादेश लाएंगे। इसके लिए आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास को सूचित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि महापौर और अध्यक्षों के सीधे निर्वाचन को लेकर शिवराज सरकार दिसंबर 2020 में भी अध्यादेश ला चुकी थी, लेकिन विधानसभा से विधेयक पारित नहीं होने के चलते यह अध्यादेश स्वत: समाप्त हो गया था।
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