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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के नेताओं के 22वें शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति षी चिनफिंग, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शॉवकत मिर्जियोयेव भी सम्मेलन में शामिल हैं।शंघाई सहयोग संगठन की विस्तारित बैठक में श्री मोदी ने कहा कि कोविड और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं आई। उन्होंने सभी के लिए खादय सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इस संबंध में शंघाई सहयोग संगठन की अहम भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, संगठन के सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग में विश्वास रखता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संगठन को लचीली और विविध तरह की आपूर्ति श्रृंखला बनाने का प्रयास करना चाहिए जिसमें सदस्य देशों के बीच बेहतर सम्पर्क और पारगमन अधिकारों की जरूरत है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत के युवा और युवा कार्यबल प्रतिस्पर्धी है तथा सरकार नवोन्मेष और प्रोदयोगिकी क्षेत्र में जन केन्द्रित विकास के मॉडल पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि भारत में 70 हजार से अधिक स्टार्ट-अप हैं। श्री मोदी ने यह भी कहा कि इस वर्ष भारत की आर्थिक वृद्धि दर बढकर साढे सात प्रतिशत रहने की संभावना है जो कि विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी।
प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज के अधिक उत्पादन पर जोर दिया क्योंकि 2023 अन्तर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन के तहत मोटा अनाज खादय महोत्सव आयोजित किया जाना चाहिए। संगठन के नेताओं के अलावा देशों के पर्यवेक्षक, एस सी ओ के महासचिव, क्षेत्रीय आतंकरोधी ढांचे के कार्यकारी निदेशक, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति और अन्य आमंत्रित सदस्य सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल रात उज्बेकिस्तान पहुंचे थे। उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अरिपोव ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। भारत, उनकी अध्यक्षता की सफलता की दिशा में उज्बेकिस्तान के साथ मिलकर काम कर रहा है। शिखर बैठक से इतर श्री मोदी परस्पर हित के मुद्दों पर कई विश्व नेताओं से अनौपचारिक बैठक करेंगे। सम्मेलन के बाद रूस, उज्बेकिस्तान और ईरान के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी। भारत में रूस के राजदूत डेनिस एलिपोव के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक के दौरान रक्षा सहयोग और सैन्य आपूर्ति पर विचार-विमर्श होगा। दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय उत्तर- दक्षिण परिवहन कॉरिडोर, द्विपक्षीय व्यापार और मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार, संयुक्त राष्ट्र और जी-ट्वेंटी के बीच सहयोग, रणनीतिक स्थिरता और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शॉवकत मिर्जियोयेव के साथ भी बैठक करेंगे।
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