Advertisement
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। लोकसभा या विधानसभा में कोई उम्मीदवार एक साथ 2 सीटों पर चुनाव न लड़ सके। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस मसले पर कानून बनाना संसद का काम है। आपको बता दें इस याचिका में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 33 (7) की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा था कि आयोग का यह प्रावधान मनमाना है। क्योंकि उम्मीदवारों को दोनों सीटों से चुनाव जीतने की स्थिति में एक सीट छोड़नी पड़ती है। इससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ाता है। हालांकि सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब आप दो सीटों से चुनाव लड़ते हैं तो आपको पता नहीं होता कि आप दोनों सीटों से चुने जाएंगे ,इसमें गलत क्या है? यह राजनीतिक लोकतंत्र है। इस पर एडवोकेट एस गोपाल ने कहा कि हमने 2 महीने पहले बड़ी बेंच में यह तर्क दिया था लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। बेंच ने कहा कि किसी उम्मीदवार को एक से ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ने की परमिशन देना लीगल पॉलिसी है। आखिर में यह संसद पर निर्भर होता है कि वो राजनीतिक लोकतंत्र को इस तरह का विकल्प देना चाहता है या नहीं।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |